इस लापरवाही के लिए चार अधिकारियों अधिशासी निदेशक, संकार्य पीके दाश, महाप्रबंधक, कोक ओवन जीएस वेंकट सुब्रमण्यम, महाप्रबंधक, सुरक्षा पी पांड्यराजा, उप महाप्रबंधक, प्रभारी ऊर्जा प्रबंधन विभाग नवीन कुमार को आरोपी बनाया है। भिलाई भ_ी थाना पुलिस ने हादसे के तीसरे दिन शुक्रवार को प्रथम दृष्टया बीएसपी के चार अफसरों को हादसे और उसमें हुई 13 कर्मियों की मौत के लिए जिम्मेदार मानते हुए आरोपी बनाया है।
इससे पहले पुलिस ने औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग की प्राथमिक जांच रिपोर्ट को भी देखा। मौका मुआयना करने के बाद भट्ठी थाना में धारा 287(अग्रि लापरवाही) 304 ए (हड़बड़ी या लापरवाही से मौत होना), ३३८ (जीवन को खतरे में डालने वाला गंभीर जख्म), ३४ (अपराध में कई व्यक्ति शामिल) के तहत मामला दर्ज किया।
पुलिस ने घटना के संबंध में प्रत्यक्षदर्शी गवाहों के कथन और उपसंचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा द्वारा की गई प्राथामिक जांच रिपोर्ट एवं अन्य दस्तावेज की जांच की। जिसमें जॉब प्रोटोकॉल, ऊर्जा प्रबंधन विभाग भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा फायर ब्रिगेड को दिया गया सूचना पत्र एवं कोक ओवन गैस नेटवर्क का प्रोफाइल आदि उपलब्ध दस्तावेजों का अवलोकन किया।
२. पाइप लाइन से गैस निकाले बगैर पाइप के फ्लेंज ज्वाइंट को खोलकर एमएस प्लेट को निकालकर सुरक्षा के मानकों को ध्यान में न रखकर पूर्णत: असुरक्षित तरीके से ऐसा कार्य करने का निर्णय लिया गया।
३. पाइप लाइन में अत्यधिक ज्वलनशील गैस रहती है। थोड़ी मात्रा में भी गैस रहने से जरा सी घर्षण से त्वरित भयावह आग लगने की पूर्ण आश्ंाका थी। यह जानते हुए भी सुरक्षा को नजर अंदाज कर दिया गया।
पुलिस ने प्रकरण में चार अफसर सहित अन्य आरोपी लिखा है। पुलिस की मानें तो आगे जांच में जो भी अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे, उनके नाम इसमें जोड़े जाएंगे। सेल ने सीइओ एम रवि, जीएम सेफ्टी पी पांड्या राजा, डीजीएम इंचार्ज इएमडी नवीन कुमार को निलंबित कर दिया था। इनमें से जीएम-डीजीएम दोनों को आरोपी बनाया है। इनके अलावा औद्योगिक सुरक्षा विभाग ने जिन दो अधिकारियों ईडी वक्र्स पीके दास और जीएम कोक ओवन वेंकट सुब्रमण्यम को जिम्मेदार माना था, उनको भी आरोपी बनाया गया है। फिलहाल सीइओ एम रवि का नाम एफआइआर में नहीं है।