जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय के मधु चौक स्थित भाटिया काम्प्लेक्स में एमवे चिटफंड कंपनी का संचालन किया जा रहा था। इस कंपनी में पूरे जिले के 150 से ज्यादा लोगों ने करोड़ों की राशि जमा की गई थी। (Balod crime news) निवेशकों को जमा अवधि दो साल पूरा होने के बाद भी राशि नहीं दी गई। (Balod patrika news) निवेशकों ने इसकी शिकायत थाने में की थी।
इस मामले में दल्ली राजझरा की राजकुमारी 68 साल ने सबसे पहले शिकायत की थी। उसकी शिखायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। एसपी के निर्देश पर 6 दिन पहले ही पुलीस की पांच सदस्य टीम नागपुर पहुंची। आरोपी डायरेक्टर के बताए पते पर पुलिस पहुंची तो पता गलत निकला। इसके बाद भी पुलिस नागपुर के अलग अलग क्षेत्रों में पतासाजी की तब जाकर आरोपी महिला पुलिस के हाथ आई।
इस मामले में मुख्य आरोपी महिला डायरेक्टर सुनीता परिहार के साथ उसके पति धर्मेन्द्र परिहार भी शामल है। थाना प्रभारी प्रशिक्षु डीएसपी अमर सिदार ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार करने में पुलिस को बहुत मेहनत करनी पड़ी है। इस मामले के चार आरोििपयों में से एक ही आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। तीन आरोपी अभी भी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है। इस कार्रवाई में हवलदार राम प्रसाद गजभिए, संदीप यादव, राहुल मनहरे और दुलेश्वरी शामिल थे।
पुलिस ने बताया कि निवेशकों के पैसों से ऐशो आराम की जिंदगी जीने वाली आरोपी महिला की दो बेटी विदेशों में पढ़ाई कर रही है। एक बेटी आस्ट्रेलिया तो दूसरी इंग्लैंड में पढ़ाई कर रही है। गिरफ्तारी के समय दोनों बेटियां अपनी मां को पुलिस के हवाले करने नहीं दे रही थी। पुलिस ने उनके विरोधों को दरकिनार कर सख्ती के साथ गिरफ्तार कर बालोद ले आई।