कॉलेज प्रशासन इस बात को भलिभांती जानता है कि बच्चे यहां सुरक्षित नहीं है। कुछ दिनों पहले कक्षा का प्लास्टर गिरा जिससे यह कक्ष बैठने योग्य नहीं रह गया। प्रबंधन ने कक्षा को तालाकर बच्चों के लिए दूसरे कमरे की व्यवस्था कर दी, लेकिन अब यह स्थिति पूरे कॉलेज में बन रही है। यह जानते हुए भी मरम्मत कराने की जेहमत नहीं उठाई गई। हाल यह है कि प्रोफेसर भी स्टाफ रूम में बैठने से कतरा रहे हैं। उनकी भी जान पर बन आई है।
कॉलेज के जर्जर भवन की सूचना पर पीडब्ल्यूडी ने मरम्मत का इस्टीमेट बनाकर कॉलेज प्रशासन को सौंप दिया। ये बात करीब महीनाभर पुरानी है। कॉलेज के स्टाफ का कहना है कि प्राचार्य ने मरम्मत के लिए कोई लिखा-पढ़ी नहीं कराई। पीडब्ल्यूडी के निरीक्षण दल ने भी इस वजह से आगे प्रक्रिया पूरी करने जोर नहीं दिया।
मंगलवार को उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल भिलाई में एक कार्यक्रम का हिस्सा बनें। उन्होंने यहां कॉलेज को मॉडल के तौर पर डेवलप करने की बात कही, लेकिन बुनियादी तथ्यों को नजर अंदाज कर गए। वैशाली नगर कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. कैलाश शर्मा ने कहा कि प्लास्टर गिरने से विद्यार्थियों में भय आ रहा है। इसके लिए शासन को नोटशीट चला दी गई है। प्राचार्य अभी छुट्टी पर उनके आने के बाद ही इसके बारे में सही स्थिति मालूम हो सकेगी।