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भिलाई

100 करोड़ का अस्पताल, डॉक्टर एक भी नहीं, मरीज बोले भर्ती होकर मरना है क्या

ESIC Hospital: सरकार मजदूरों के विश्वास से कैसे मजाक करती है, उसे देखना हो तो एक बार स्मृति नगर स्थित 100 करोड़ रुपए के ईएसआईसी सुपर स्पेश्लियटी अस्पताल का दौरा कर लीजिए। इस अस्पताल का उद्घाटन 25 फरवरी को हुआ था।

भिलाईMar 13, 2024 / 05:51 pm

Shrishti Singh

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अब्दुल सलाम

Bhilai News: सरकार मजदूरों के विश्वास से कैसे मजाक करती है, उसे देखना हो तो एक बार स्मृति नगर स्थित 100 करोड़ रुपए के ईएसआईसी सुपर स्पेश्लियटी अस्पताल का दौरा कर लीजिए। इस अस्पताल का उद्घाटन 25 फरवरी को हुआ था। उद्देश्य था- दुर्ग संभाग के करीब चार लाख मजदूर परिवारों को भिलाई में सर्वसुविधायुक्त अस्पताल में 24 घंटे इलाज की सुविधा देना। अब हकीकत देखिए- अस्पताल में एक भी नियमित डॉक्टर नहीं हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से रोटेशन पर 5 डॉक्टरों को पदस्थ किया जा रहा है जो 15 दिन यहां रहते हैं। न कोई संसाधन न स्टाफ। मरीजों को भर्ती करने की सुविधा नहीं। गिनती के 20-25 मरीज आते हैं और मायूस लौट जाते हैं।
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20 दिन में आए 400 मरीज

ईएसआईसी हॉस्पिटल में हर दिन करीब 25 मरीज पहुंच रहे हैं। 20 दिनों में रविवार व त्योहार की छुट्टी भी रही। इस तरह करीब 400 मरीज आए हैं। यह संख्या आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) में सुबह 9 से शाम 4 बजे के बीच पहुंचने वालों की है। इस दौरान फार्मेसी से जरूरी दवा मिल जाती है। इसके बाद आने वाले मरीजों को यहां ताला लटका मिलता है।
38 चिकित्सक चाहिए अस्पताल में

100 बिस्तर के ईएसआईसी हॉस्पिटल को संचालित करने 38 चिकित्सक चाहिए। वर्तमान में 5 चिकित्सकों को कर्नाटक से 15 दिनों के लिए बुलाया गया है। इसके बाद फिर 5 चिकित्सक को दूसरे राज्य से बुलाया जाएगा। 58 स्टाफ की जरूरत है। इनकी जगह करीब 15 स्टाफ इंदौर से बुलाकर काम लिया जा रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की यहां जरूरत है।
24 घंटे इलाज का दावा

भिलाई में इस अस्पताल को बनने में लगभग 8 साल लग गए। इस ईएसआईसी हॉस्पिटल के 90 हजार ईएसआईसी कार्डधारी हैं। इनके परिवार को मिलाकर करीब 4 लाख हितग्राही हैं। 4 लाख मजदूर परिवारों को स्वास्थ्य सुविधा देने अस्पताल शुरू करने से पहले पर्याप्त चिकित्सक, स्टाफ की व्यवस्था करनी थी। अस्पताल सिर्फ नाम के लिए शुरू किया गया है। दावा किया गया था कि मजदूर परिवारों को 24 घंटे इलाज की सुविधा मिलेगी। इस आस में यहां आने वाले लोग परेशान हो रहे हैं।
पहले स्टाफ की भर्ती फिर उपकरण खरीदी

अस्पताल भवन का लोकार्पण हो चुका है, अब चिकित्सकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके साथ-साथ टेक्निकल और नॉन टेक्निकल स्टाफ की भी भर्ती की जाएगी। वहीं अस्पताल में लगने वाले सारे उपकरणों और फर्नीचर के लिए निविदा बुलाई जाएगी। मशीन आने के पहले उसके विशेषज्ञों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद ही मरीजों को अस्पताल का लाभ मिल पाएगा।
निर्माण कार्य जारी
अधूरे कार्य किए जा रहे पूरे

अस्पताल भवन के अंदर निर्माण कार्य अभी भी चल रहा है। इमरजेंसी सेवा की ओर जाने के लिए रास्ता बनाया जा रहा है, उसके गेट का काम अधूरा है। अस्पताल के सामने के हिस्से में भी अधूरे काम पूरे किए जा रहे हैं।
मशीन खरीदी बाकी
अभी सिर्फ भवन बन पाया

100 बिस्तर अस्पताल में बड़े-बड़े कमरे तैयार हैं, उसमें बेड लगाया जाना बाकी है। वहीं एक्स-रे समेत अन्य जरूरी उपकरणों के लिए कमरे तैयार हो चुके हैं। मशीनों के लिए टेंडर किया जाना बाकी है।
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अस्पताल को रन करने में लगेगा वक्त

100 बिस्तर अस्पताल का लोकार्पण हो चुका है, इसको रन करने में वक्त लगेगा। अभी चिकित्सक व स्टाफ की भर्ती नहीं हुई है। उनकी भर्ती के बाद ही मशीन और उपकरणों की खरीदी की जाएगी। -डॉ. हरनाथ वर्मा, मेडिकल ऑफिसरईएसआईसी हॉस्पिटल, भिलाई
रेफर भी नहीं किया जा रहा

ईएसआईसी हॉस्पिटल से कार्डधारियों को निजी अस्पताल में रेफर भी नहीं किया जा रहा है। यह व्यवस्था अभी भी डिस्पेंसरी से जारी है। शहर में 9 डिस्पेंसरी संचालित हैं, जिसे राज्य सरकार चलाती है। वहीं ईएसआईसी हॉस्पिटल भिलाई का संचालन केंद्र सरकार के अधीन है।

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