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भिलाई

BSP में पूरे वेतन की मांग कर हरे ठेका मजदूरों के साथ नाइंसाफी, बिना अंतिम भुगतान किए ठेकेदार ने काम से निकाला

. भिलाई इस्पात संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस-8 में काम करने वाले चार ठेका मजदूरों को ठेकेदार ने काम से निकाल दिया है।

भिलाईJan 31, 2022 / 01:37 pm

Dakshi Sahu

BSP में पूरे वेतन की मांग कर हरे ठेका मजदूरों के साथ नाइंसाफी, बिना अंतिम भुगतान किए ठेकेदार ने काम से निकाला

BSP में पूरे वेतन की मांग कर हरे ठेका मजदूरों के साथ नाइंसाफी, बिना अंतिम भुगतान किए ठेकेदार ने काम से निकाला

भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस-8 में काम करने वाले चार ठेका मजदूरों को ठेकेदार ने काम से निकाल दिया है। मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार माह होने पर पूरा वेतन खाते में डालता है, इसके बाद उसमें से 2000 से 3000 रुपए तक लौटाने के लिए कहता है। उन्होंने खाता में वेतन आने के बाद लौटाने से मना कर दिया, तब उनको काम से हटा दिया गया है। उन्होंने इसकी शिकायत एनएफआईटीयू से की है। बीएसपी से निकाले गए ठेका मजदूर घनश्याम ताम्रकार, डोमेंद्र कुमार निषाद, रूपधर सोना और रामेश्वर ने बताया कि वे लोग 2019 से ठेकेदार के पास काम कर रहे हैं। इलेक्ट्रिकल से संबंधित काम वे करते हैं। ठेकेदार ने जब वेतन देने के बाद लौटाने की बात कही तो उन्होंने डीजीएम से शिकायत की। इस पर वहां से भी उनको कोई बेहतर रिस्पांस नहीं मिला।
ठेकेदार ने कहा दूसरी जगह देख लो काम
ठेकेदार ने कहा कि अगर वेतन मिलने के बाद उसमें से जितना कहा जा रहा है उतना पैसा नहीं लौटा सकते तो दूसरी जगह काम देख लो। बीएसपी के अधिकारी से शिकायत करने की बात पर वह नाराज हो गया। इसके बाद चंद दिनों में ही काम से हटा दिया। अब कर्मचारी एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर में जाकर शिकायत कर रहे हैं।
अंतिम भुगतान तक नहीं मिला
एनएफआईटीयू के पास शिकायत करने पहुंचे श्रमिकों ने बताया कि उनको अब तक अंतिम भुगतान तक नहीं मिला है। इस मामले में यूनियन के नेता योगेश्वर वर्मा ने बताया कि शिकायत मिली है। अब बीएसपी के आईआर विभाग के आला अधिकारी से चर्चा की जाएगी। कर्मियों को किसी हाल में इस तरह से बिना एक माह का नोटिस दिए निकाला नहीं जा सकता। इसके साथ-साथ अंतिम भुगतान भी देना होगा।
नई प्रमोशन पॉलिसी से 170 कर्मचारी हुए पदोन्नत
भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत कर्मचारियों की प्रमोशन पॉलिसी पुरानी होने तथा तकनीकी खामियों के कारण बहुत से कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं मिल पा रही थी। स्टील एंप्लाइज यूनियन इंटक ने मान्यता प्राप्त करने के बाद प्रबंधन से समझौता कर कर्मचारियों के लिए नई प्रमोशन पॉलिसी लागू करवाया। इस नई पॉलिसी के तहत टीएंडडी, आरएमपी-3, एमआरडी और आरएमडी विभागों में डीपीसी की गई जिसमें लगभग 170 कर्मी पदोन्नत हुए हैं। इंटक यूनियन के अतिरिक्त महासचिव संजय साहू ने बताया है कि टी एंड डी विभाग में 2020 दिसंबर से पदोन्नति रुकी हुई थी। नई प्रमोशन पॉलिसी आने से कर्मचारियों को डी क्लस्टर में 30 कर्मियोंं की पदोन्नति हुई। बी और सी क्लस्टर में 85 लोगों को पदोन्नति आदेश मिला। यहां पर कुल मैनपावर 830 हैं जिसमें से 115 लोग पदोन्नत हुए। इससे विभाग के कर्मचारियों में खुशी है। कर्मियों ने इंटक यूनियन का आभार भी माना। आरएमडी में कुल 33 कर्मचारियों में से 6 तथा एमआरडी विभाग में 65 कर्मचारियों में से 19 कर्मचारी पदोन्नत हुए। इसमें 10 कर्मचारी डी कलस्टर में एवं 9 कर्मचारी सी कलस्टर में शामिल हैं। आरएमपी-3 में कुल 30 कर्मचारियों पदोन्नत हुए हैं।
चार्जमैन के पद को यथावत रखा गया है
इंटक यूनियन के महासचिव एसके बघेल ने कहा है कि 35 साल पुरानी प्रमोशन पॉलिसी में 70 फीसदी कर्मियों का पदोन्नत नहीं होने के कारण एक्सटेंडेड क्लस्टर में थे। नई प्रमोशन पॉलिसी से ज्यादा से ज्यादा लोगों को पदोन्नति मिल रही है। इसमें चार्जमैन के पद को यथावत रखा गया है। सेल से सम्मानजनक पद नाम आने पर वर्तमान प्रमोशन पॉलिसी में दिए गए पदनाम विलोपित हो जाएंगे।
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