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भिलाई

सरकार की जय हो, 28 लाख पौधे रोपे फिर भी नहीं आई हरियाली, बंजर जमीन दिखा रही आईना

हालात यह है कि वन क्षेत्र को दूर इतनी बड़ी तादाद में पौधरोपण के बाद भी जिले में एक ग्रीन बेल्ट तक विकसित नहीं किया जा सका है।

भिलाईJul 02, 2018 / 02:26 pm

Dakshi Sahu

patrika

सरकार की जय हो, 28 लाख पौधे रोपे फिर भी नहीं आई हरियाली, बंजर जमीन दिखा रही आईना

भिलाई. जिले में एक भी वन क्षेत्र नहीं है। इसे देखते हुए पिछले 5 साल में 28 लाख से ज्यादा पौधे रोपे जा चुके हैं। इनमें से कितने पौधे बचे हंै, इसका हिसाब जिला प्रशासन के पास भी नहीं है। हालात यह है कि वन क्षेत्र को दूर इतनी बड़ी तादाद में पौधरोपण के बाद भी जिले में एक ग्रीन बेल्ट तक विकसित नहीं किया जा सका है।
अब फिर साढ़े 4 लाख पौधे रोपने की तैयारी की जा रही है। हरियाली और पर्यावरण संरक्षण के तहत हर साल लाखों पौधे रोपे जा रहे हैं, इसके बाद भी न तो रोपे हुए पौधे दिखते हैं और न ही हरियाली नजर आती है। पौधे लगाने के बाद उसकी देखभाल व सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण यह स्थिति बनी है। इससे सबक लेने के बजाए फिर ढर्रे पर पौधरोपण की तैयारी की जा रही है।
बंटवारे के बाद से वनविहीन है जिला
जिले में २०१२ तक बालोद व बेमेतरा का इलाका भी था। अब ये विभाजित होकर अलग जिले बन गए हैं। इसमें जिले का वन क्षेत्र बालोद के हिस्से में चला गया। इसके बाद से जिला वनविहीन हो गया है। सीएम के निर्देश के बाद पिछले साल पौधरोपण का विशेष अभियान चलाया गया।
इसके तहत 146 हेक्टेयर खाली जमीन और 10 किमी सड़क के किनारे 14.26 लाख पौधे रोपे गए। अकेले वन विभाग द्वारा 7.42 लाख और बीएसपी द्वारा 2 लाख पौधे रोपे गए। जिला प्रशासन द्वारा विभागों और पंचायतों के सहयोग से शेष पौधे रोपे गए।
नगपुरा-कोडिय़ा बने उदाहरण
इन्हीं अभियानों के तहत दुर्ग के नगपुरा में एक लाख और धमधा के कोडिय़ा और देऊरझाल में 75 हजार से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं। वर्ष 2016 -17 में निकुम विनायकपुर इलाके में नदी के किनारे पौधे रोपे गए हैं। यहां देखभाल व सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था के कारण अधिकतर पौधे अब पेड़ों में तब्दील हो गए हैं।
जिले में पेड़ों की कम संख्या पर सीएम डॉ. रमन सिंह भी चिंता जता चुके हैं। पिछली लोक सुराज में उन्होंने दुर्ग व बेमेतरा को विरल पौध क्षेत्र घोषित करते हुए हरियाली व पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेषअभियान चलाने के निर्देश दिए थे। वर्ष 2015-16 में बोरई-नगपुरा मार्ग पर नगपुरा से आगे हिर्री, लिटिया, सेमरिया तक करीब आधा दर्जन स्थलों पर सड़क के किनारे हजारों पौधे लगाए गए थे। नगपुरा के समीप लगाए गए पौधे पहले ही सूख गए। हिर्री व लिटिया के पौधे भी ठूंठ में बदल गए हैं।
4000 पौधे रोपे लेकिन 400 भी नहीं बचे
उतई मार्ग पर नेवई, सीआइएसएफ मैदान से लेकर उतई तक करीब 4 किलोमीटर सड़क पर दोनों किनारों पर वर्ष 2014-15 में लोक निर्माण विभाग द्वारा 4000 से अधिक पौधे रोपे गए। इसी तरह सीएसवीटीयू के सामने भी पौधरोपण किया गया था, लेकिन अब यहां 400 पौधे भी नहीं बचे हैं।
एसीईओ जिला पंचायत केके तिवारी ने बताया कि इस बार भी जिले में सघन पौधरोपण किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग को साढ़े 4 लाख पौधे तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। पौधा लगाने के लिए स्थलों का चिन्हांकन किया जा रहा है। गड्ढे खोदने का कार्य जारी है। पौधों की सुरक्षा का भी पुख्ता इंतजाम किया जाएगा।
निगम में भी केवल पौधरोपण, बचाने की व्यवस्था नहीं
नगर निगम द्वारा भी हर साल अभियान चलाकर पौधरोपण कराया जा रहा है, लेकिन इस पौधों को बचाने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। इस बार निगम प्रशासन द्वारा मिनी वन की तर्ज पर घेरा लगाकर पौधरोपणकी तैयारी की जा रही है। इसके लिए बोरसी इलाके में जगह भी चिन्हित की गई है। उद्यानिकी प्रभारी विजय जलकारे ने बताया कि इस पर 20 हजार पौधे रोपे जाएंगे।

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