script120 फीट का नाला सिकुड़ कर रह गया बीस फीट, पार्षद के सवाल का सदन में नहीं मिला जवाब, मासूम आशी की मौत के बाद भी जागा नहीं प्रशासन | Watch the video.. Bhilai's 120 feet drain shrunk to just twenty feet | Patrika News
भिलाई

120 फीट का नाला सिकुड़ कर रह गया बीस फीट, पार्षद के सवाल का सदन में नहीं मिला जवाब, मासूम आशी की मौत के बाद भी जागा नहीं प्रशासन

भिलाई इस्पात संयंत्र से निकलने वाला तेल्हा नाला शहर से होकर गुजरता है। इस नाले की चौड़ाई वैसे 120 फीट के आसपास थी। इस पर लोगों ने अलग-अलग जगह में अपनी जरूरत के मुताबिक कब्जा कर लिए हैं। इस वजह से नाला कई जगह पर 15 फीट की नाली बनकर रह गया है। सकरा हो जाने की वजह से बारिश में पानी नाले से छलक जाता है और नाला के करीब के मकानों में भर जाता है। इस नाले का पौने 3 करोड़ से काम शुरू किया गया, निगम ने फिर बंद करवा दिया, इसको लेकर जोन अध्यक्ष नाराज हैं, उन्होंने सदन में जाना बंद कर दिया है।

भिलाईMar 28, 2024 / 02:49 pm

Abdul Salam

120 फीट का नाला सिकुड़ कर रह गया बीस फीट, पार्षद के सवाल का सदन में नहीं मिला जवाब, मासूम आशी की मौत के बाद भी जागा नहीं प्रशासन

120 फीट का नाला सिकुड़ कर रह गया बीस फीट, पार्षद के सवाल का सदन में नहीं मिला जवाब, मासूम आशी की मौत के बाद भी जागा नहीं प्रशासन

मासूम की गई थी जान

वह घटना आज भी हर व्यक्ति के जेहन में है, जब घर के दहलीज पर खड़ी ढाई साल की एकलौती बेटी आशी को नाला छलकने के बाद अपने साथ बहाकर ले गया था। काफी मशक्कत के बाद उसका शव घर से करीब डेढ़ किलोमीटर आगे मिला था। मासूम की मौत के बाद भी जिला प्रशासन जागा नहीं और 6 साल बाद भी नाला पर कब्जा बना हुआ है।

जोन अध्यक्ष ने सदन में जाना किया बंद

जोन-3 के अध्यक्ष ने नाला का काम शुरू करने और फिर बंद किए जाने को लेकर शिकायत बजट के बैठक में किया। जब आयुक्त ने जवाब नहीं दिया, तब वे सदन में जाना बंद कर दिए। उनका कहना है कि निगम काम शुरू करे या काम बंद करने की वजह आयुक्त बताए। जब तक जवाब नहीं मिलता, वे सदन में नहीं जाएंगे।

बारिश के पहले न जागे तो हो जाएगी देरी

बारिश से पहले नाला के चौड़ीकरण व बेदखली की कार्रवाई नहीं की जाती है, तो फिर विलंब हो जाएगा। संतोषी पारा, शर्मा कालोनी, जवाहर नगर समेत तमाम हिस्सा फिर डुबान का शिकार हो जाएगा। बारिश से पहले अगर नाला का चौड़ीकरण नहीं किया जाता है, तो आने वाले समय में फिर कोई बेगुनाह को इसका शिकार होने से बचाया नहीं जा सकेगा।

यहां से गुजरता है नाला

भिलाई इस्पात संयंत्र से तेल्हा नाला खुर्सीपार से निकलता है। करूणा हॉस्पिटल, शंकरनगर बस्ती, गौरव पथ, हाउसिंग बोर्ड कालोनी, आम्रपाली, जवाहर नगर, स्कूल, कुरुद मार्ग, इंजीनियरिंग कालेज, एमजे कॉलेज के पीछे से होते हुए समोदा में जाकर शिवनाथ नदी में मिल जाता है।

मूर्त रूप खो रहा नाला

तेल्हा नाला में बीएसपी से निकलने वाला गंदा पानी के साथ-साथ बारिश का पानी, खुर्सीपार के आवासों से निकलने वाला पानी भी मिलता है। इस नाले की असल चौड़ाई अभी भी कुछ स्थानों पर देखने को मिल जाती है। जैसे बीएसपी के पास से जहां से निकलता है। इसमें से बारिश का पानी तेजी से निकल जाया करता था। इसकी वजह से लोगों के घरों में नाला छलक कर प्रवेश नहीं करता था। नाला में जैसे-जैसे कब्जा होने लगा, वैसे-वैसे सकरा होने लगा। मूर्त रूप नाला का खोता जा रहा था, लेकिन प्रशासन ने आंख बंद कर रखा था। नाला में से न तो कब्जा हटाया गया और न इसकी सफाई की गई।

इस तरह गुम हो गई एक जिंदगी

27 अगस्त 2017 की देर शाम बारिश के बीच नाला का पानी एकाएक तेजी से बढ़ा, करूणा अस्पताल के करीब नाला से लगा दूसरा मकान लखङ्क्षवदर का है। वह पत्नी गुरप्रीत कौर के साथ घर पर ही था। ढाई साल की बेटी दरवाजे के सीढिय़ों पर बारिश के बूंद से खेल रही थी। पानी बढ़ता गया तो पिता गद्दे को उठाकर ऊपर रखने भीतर की ओर गया, इस बीच ही बेटी की आवाज उसे और पड़ोस वालों को सुनाई दी। वे भागकर बाहर निकले, तो आशी आसपास नजर नहीं आई। नाला का पानी छलका और बच्ची को दरवाजे से अपने साथ लेकर चला गया।

नाला का काम शुरू हो चुका था फिर बंद किए

जालंधर सिंह, जोन-3 अध्यक्ष, नगर निगम, भिलाई ने बताया कि शहर के मुख्य नाले में एक तेल्हानाला का काम शुरू हो चुका था। इसके बाद इसे बंद कर दिया गया है। इसको लेकर सदन में सवाल किया, तो आयुक्त ने जवाब नहीं दिया। जवाब मिलेगा, तब जाएंगे सदन में।

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