मां ने आखिर मातारानी (नवरात्र) के दिन तड़के सुन ली। शनिवार तड़के तीन बजे बेटी आरती के सकुशल जयपुर में मुक्त करा लेने की खबर पुलिस टीम ने दी तो खुशी में पगला उठी। मेरे पति अर्जुन नाथ की भी खुशी का ठिकाना नहीं था। यह कहना था आसीन्द के बागमाली एवं हाल भीलवाड़ा के बीलिया निवासी अर्जुन नाथ की पत्नी लीला देवी का। वो बताती है कि सूचना मिलते ही वो सभी सुबह शम्भूगढ़ थाने में पहुंचे। बेटी आरती को सुरक्षित देख कर खुशी से आंख भर आई और दौड़ कर उसे सीने से लगा लिया। वो बताती है कि माता के दरबार में क्रूर लोगों ने उसे बेटी को छीन लिया था। लेकिन माता ने ही नवरात्र के पहले दिन उसकी बेटी को लौटा दिया। लीला बताती है कि मातारानी ने हमारी सुनी, पुलिस अधीक्षक प्रीति चन्द्रा उनके लिए दुर्गा से कम नहीं रही, उन्होंने जो मदद की उसे कभी नहीं भूल पाएंगे
यह थी विशेष टीम
विशेष टीम मेंं अजय सिंह, गुलाबपुरा डिप्टी, रामचन्द्र एसटी सेल डिप्टी, मनोज कुमार शाहपुरा एसएचओ, जसवंत सिंह बीगोद एसएचओ, सुशीला काठात आरपीएल, हैड कांस्टेबल ओमप्रकाश चौधरी, ताराचंद, अनिरुद्ध सिंह, सुनील कुमार, नरपत सिंह, सत्यनारायण, महावीर सिंह, महेंद्र सिंह, चंद्रपाल सिंह,महेंद्र कुमार, प्रेमराज,जलील अहमद, लालाराम, सोहन लाल, पवन कुमार आदि टीम में शामिल थे