बंसत विहार के समीप एमटीएम की चालिया होने से पूर्व में बरसाती पानी की निकासी चालिया के लोग सुरक्षित तरीके से पांडू के नाले तक निकाल रहे थे, लेकिन चालिया बस्ती हटने और यहां एमटीएम सोसायटी के अस्तित्व में आने के बाद बरसाती नाले को ही बंद कर दिया गया। हलात यह है कि बरसाती नाले का पानी पांडू नाले में जाने के बजाए बसंत विहार के पिछले हिस्से में आ रहा है। गत तीन दिन से लगातार हो रही बारिश ने क्षेत्र की हालत बिगाड़ दी है।
घरों में ही पानी घुसा, सड़कों पर कीचड़ बाशिन्दों की पीड़ा है कि नाले का पानी घरों में घुस रहा है, सड़कें तक लबालब हो रही। हालात यह है कि कीचड भी अब फैलने लगा है। बड़ों व बच्चों का घरों से निकला दुभर हो गया है। दुपहिया वाहनों का निकला सहज नहीं रहा है। नालियों की गंदगी भी सड़कों पर नजर आ रही है। इस संदर्भ में क्षेत्र के लोगों ने नगर परिषद सभापति राकेश पाठक को शिकायत की।
सभापति ने दिखाई नाराजगी सभापति पाठक ने मंगलवार को अधिशासी अभियंता सूर्यप्रकाश संचेती व सहायक अभियंता रामराज मीणा के साथ बसंत विहार क्षेत्र का जायजा लिया। यहां के हाल देख कर नाराज हो उठे।
दो दिन में मांगी रिपोर्ट, न्यास से मांगा रिकार्ड पाठक ने बताया कि एमटीएम के डवलपर्स द्वारा बरसाती नाले को बंद करना बसंत विहार की जनता की मूलभूत सुविधाओं के साथ खिलवाड़ करना है। समूचे मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की गई है। गुुरुवार को यह टीम रिपोर्ट करेगी। उन्होंने बताया कि एमटीएम के डवलपर्स को नोटिस जारी किया गया है। पाठक ने बताया कि एमटीएम सोसायटी अब नगर परिषद के क्षेत्राधिकार का हिस्सा है। सोसायटी से संबधित सभी प्रकार के दस्तावेज व पत्रावलियां नगर परिषद को सुर्पुद करने के लिए नगर विकास न्यास अध्यक्ष व सचिव को लिखा है।