आत्मलीनता ही उत्तम ब्रहा्रचर्य धर्म
Anant Chaturdashi हाऊसिंग बोर्ड शास्त्रीनगर स्थित सुपाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में पंडित निलेश शास्त्री ने कहा कि आत्मा मे लीन होना ही उत्तम ब्रहा्रचर्य धर्म है। जन सम्पर्क मंत्री भागचन्द पाटनी ने बताया कि प्रकाश, कैलाश, रोशन, अरविन्द, पारस शाह ने शान्तिधारा की। दोपहर में अन्तत चर्तुदशी के अभिषेक हुए। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ।
शास्त्रीनगर मैन सेक्टर मंदिर में पाश्र्वनाथ व मुनि सुव्रतनाथ भगवान का गुरुवार को 151 शांतिधारा व रिद्धी मंत्रों से अभिषेक किया जो भीलवाड़ा का रिकॉर्ड है। 21 श्रावको ने शांतिधारा की। भोपलगंज स्थित महावीर दिगम्बर जैन मंदिर में भी पूजा अर्चना व अभिषेक शान्तिधारा की गई। यह जानकारी सुरेन्द्र हुमड़ ने दी।