जानकारी के अनुसार अमरगढ़ में शुक्रवार दोपहर मुस्तकीम (२५) पुत्र असलम मोहम्मद बागवान खेत पर गेहूं की कटाई कृषि यंत्र के जरिए मुंह पर मफलर (साफी) बांधकर कर रहा था। इसी दौरान अचानक साफी खुल गई और मशीन में फंस गई। घटना में मुस्तकीम के सिर और गर्दन में गम्भीर चोट आई।। परिजन अचेत हालत में मुस्तकीम को काछोला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाए। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे भीलवाड़ा रेफर कर दिया। यहां महात्मा गांधी राजकीय चिकित्सालय में अधीक्षक डॉ. अरुण गौड, डॉ. रामावतार व डॉ. पंकज सोमाणी की देखरेख में उपचार शुरू हुआ। ब्रेन स्टोक से हालत स्थिर होने पर परिजन मुस्तकीम को उदयपुर लाए और यहां एमबीएस होस्पीटल में भर्ती कराया। यहां शल्य चिकित्सा के बावजूद मुस्तकीम की जान नहीं बच सकी और रविवार सुबह दम तोड़ दिया। शव का उदयपुर में पोस्टमार्टम कराया गया। Mustaqeem is no more at bhilwara
शव को दोपहर बाद अमरगढ़ लाया गया। यहां शव को देखते ही परिजन बिलख उठे और गांव में सन्नाटा पसर गया। शव को बाद में गमगीन माहौल में दफना दिया गया। इस दौरान शक्करगढ़ थाना प्रभारी विक्रम सिंह, ग्राम विकास अधिकारी नरेन्द्र मीणा व पटवारी इस्माइल मोहम्मद भी मौजूद थे।
मुस्तकीम के चेचरे भाई फिरोज बागवान ने बताया कि दूसरी तरफ घटना से तीन दिन से मुस्तीम की पत्नी बेसुध थी, शव देख कर वो अचेत हो गई। मृतक परिवार की इकलौती संतान थी और निकाह भी तीन माह पूर्व हुआ था। भीलवाड़ा जिले में लॉक डाउन होने एवं कफ्र्यू की स्थिति होने से दूर दराज के हिस्सों बसे रिश्तेदारों ने वीडियो कॉलिंग के जरिए किए अंतिम दर्शन Mustaqeem is no more, the last visit from video calling