READ: हरिद्वार-उदयपुर एक्सप्रेस के आगे आत्महत्या के लिए आई पत्नी को बचाने मासूम को गोद में लेकर दौड़ता पति, लोको पायलट ने लगाए ब्रेक आयुक्त पदमसिंह नरूका ने बताया कि सरकार से आदेश मिलने के साथ ही फायर स्टेशन गेट के पास कमरे में फॉर्म देने का
काम शुरू किया। फॉर्म देने वाले कर्मचारी आवेदक बेरोजगार का नाम रजिस्ट्रर में लिख रहे थे, लिहाजा समय अधिक लगा और भीड़ बढ़ती गई।
READ: पटेलनगर टैंक हादसा: मृतकों के शव घर पहुंचे तो देखने वालों की आंखें हुई नम इसके बाद निर्णय लिया कि आवेदन पत्रों की संख्या नोट कर बिना नाम लिखे दे दिए जाए। आवेदन 15 मई तक लिए जाएंगे। आवेदन पत्र ऑनलाइन उपलब्ध है, जो कही से भी डाउनलोड कर सकते हैं।
पहली बार शर्त, कड़ा विरोध
राज्य सरकार ने पहली बार अनुभव जैसी शर्त लगाई है, जिसका अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस ने विरोध किया है। इनका कहना है कि भर्ती में वे ही आवेदक शामिल हो पाएंगे, जो प्रमाण-पत्र के माध्यम से साबित करेंगे कि उन्हें सफाई का न्यूनतम एक साल का अनुभव है। इस शर्त पर विवाद की स्थिति पैदा हो गई है।
कर्मचारियों व बेरोजगारों का कहना है कि सरकार ने सफाई अनुभव को लेकर न साफ निर्देश दिए और न इसे मांगने का औचित्य समझ में आता। इससे गड़बड़ी व भ्रष्टाचार की आशंका है। निकायों में पूर्व में ठेके पर काम कर चुके कर्मचारियों को प्रमाण पत्र मिल जाएगा लेकिन निजी सेक्टर, फैक्ट्रियों में दिहाड़ी पर काम करने वालों के सामने परेशानी आएगी। गाइडलाइन के अनुसार अनुभव प्रमाण-पत्र नगर परिषद में आयुक्त तथा नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी से यह प्रमाण पत्र बनवाना होगा।