जेल उपाधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि जेल बंदियों के मनोरंजन के लिए जेलवाणी की यह सुविधा शुरू की गई है। इसका शुभारंभ गुरुवार को डीजी जेल सुनील मेहरोत्रा ने किया। बंदियों के लिए रोजाना दोपहर एक से दो बजे तक जेलवाणी का प्रसारण जिला जेल में होगा। इसके तहत सातों दिन अलग-अलग नए-पुराने फिल्मी, देशभक्ति गीत, हास्य व्यंग, कविता, आराधना, इतिहास, महफिल ए तर्रन्नुम, फरमाइशी व रेडियो धमाल का प्रसारण किया जाएगा। इससे बंदियों का मनोरंजन तो होगा ही साथ ही वे तनाव से मुक्त रह सकेंगे।
जेलवाणी का प्रसारण रोजाना एक घंटे तक होगा। प्रत्येक सोमवार को दिन की शुरूआत देशभक्ति गीतों से की जाएगी। साथ ही राजस्थान में चल रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी बंदियों को दी जाएगी। मंगलवार को भूले बिसरे गीतों के तहत पुराने गीतों के साथ ही राजस्थान आदि प्रदेशों के इतिहास से अवगत करवाया जाएगा और जेल अनुदेशों की जानकारी दी जाएगी। बुधवार को जरा मुस्कुरा दो के तहत बंदी अपनी हास्य, व्यंग एवं कविता सुना सकेंगे। पुराने गीत सुनाए जाएंगे। गुुरुवार को आराधना के तहत प्रसिद्ध संतों के प्रवचन व फिल्मी भजन, शुक्रवार को महफिल ए तर्रन्नुम के तहत बंदी अपनी लिखी गजलें व शायरी, फिल्मी गजलें सुनाएंगे। शनिवार को आपकी फरमाइश में लता, किशोर, मोहम्मद रफीक के पुराने गाने बंदियों की फरमाइश पर सुनाए जाएंगे। बंदियों के तनाव मुक्ति व स्वास्थ्य संबंधित जानकारी, जबकि रविवार को रेडियो धमाल के तहत नई फिल्मों के गाने सुनाए जाएंगे और आवश्यकताअनुसार जेल अधिकारी अपनी बात बंदियों को सुना सकेंगे।