प्रतापनगर थाना प्रभारी रोहिताश देवनंदा ने बताया कि ललित (43) पुत्र जसवंतलाल व्यास की विषाक्त सेवन से हालत बिगडऩे पर बुधवार को महात्मा गांधी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। ललित ने पुलिस बयान में बताया कि उसने भीलवाड़ा निवासी मनोज सुराणा से 45 हजार रुपए ब्याज पर लिए थे। सुराणा का सहयोगी भाईजान नाम का व्यक्ति है। इसी प्रकार उसने श्यामलाल गुर्जर से 70 हजार रुपए लिए थे। प्रभुलाल व बंटी बना उसके लिए ब्याज की वसूली करता है। इस राशि पर बीस रुपए सैकड़ा ब्याज लिया जा रहा था। ललित ने बयान में बताया कि सुराणा व गुर्जर के लोग रुपए की वसूली के लिए आते थे और एक दिन की देरी होने पर एक हजार रुपए तक की पेनल्टी लगाते थे। इतना ही नहीं, उसे उठाकर ले जाते और पीटते थे। उनकी प्रताडऩा से क्षुब्ध होकर उसने विषाक्त सेवन किया है।
अब धारा ३०६ में मुकदमा
थानाप्रभारी ने बताया कि बुधवार रात मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। ललित की गुरुवार तड़के उपचार के दौरान मृत्यु होने पर मृत्यु पूर्व बयानों के आधार धारा बदली गई। पांचों आरोपितों के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला धारा ३०६ के तहत दर्ज किया गया है। टीमें गठित कर आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
चीरघर के बाहर प्रदर्शन ललित ने सूदखोरों से परेशान होकर बुधवार को पटेलनगर मोक्षधाम जाकर विषाक्त सेवन कर लिया था। ललित की मौत पर मृतक के साथी व रिश्तेदार बड़ी संख्या में चिकित्सालय मेंमोर्चरी के बाहर एकत्र हो गए और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर सूदखोरों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। पुलिस उपाधीक्षक शहर राजेश आर्य, प्रतापनगर व भीमगंज पुलिस का जाप्ता मौके पर पहुंचा और समझाइश की। करीब एक घंटे प्रदर्शन के बाद आर्य ने समझाइश कर लोगों को शांत करवाया। इसके बाद पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सुपुर्द किया। परिजनों का कहना है कि ललित के चिकित्सालय में भर्ती होने के बावजूद सूदखोर उसे कॉल करते रहे।