world AIDS Day रोजगार की तलाश में निकले थे, साथ में लाए एड्स
भीलवाड़ा जिले में 2600 से अधिक एड्स के रोगी
world AIDS Day रोजगार की तलाश में निकले थे, साथ में लाए एड्स
भीलवाड़ा।
world AIDS Day दो जून की रोटी के लिए रोजगार की तलाश में घर से निकले श्रमिक व ट्रक ड्राइवर जाने अनजाने में एड्स (एचआईवी) पॉजीटिव हो गए। कमाई के तौर पर वह बीमारी घर ले आए। भीलवाड़ा जिले में इनकी संख्या में हालांकि कमी आई है, लेकिन लगातार केस सामने आ रहे हैं। महात्मा गांधी चिकित्सालय में खोल गए एआरटी सेंटर के आंकड़ों पर नजर डालें तो इन संक्रमितों में सैक्स वर्कर भी शामिल हैं। अस्पताल में कई प्रकरण ऐसे भी हैं जिसमें पति (पुरुष) एचआईवी नेगेटिव है लेकिन जीवन संगिनी को रोग हो गया है। जांच के दौरान ऐसे कारणों का भी पता लगाया जा रहा है। एचआईवी पॉजीटिव मरीजों की संख्या बढऩे से एआरटीसी सेंटर द्वारा विशेष काउंसलिंग अभियान चलाया गया है। साल दर साल यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है जो एक गंभीर विषय है। वर्ष 2014 से लेकर अब तक करीब 2600 एड्स रोगी सामने आ चुके हैं। हालांकि जांच बढऩे के साथ ही इनकी संख्या में कमी अवश्य आई है, लेकिन केस कम नहीं हो रहे हैं। जबकि पिछले पौने दो साल में कोरोना संक्रमण के दौरान भी इनकी संख्या सवा चार सौ के आसपास रही है।
काउंसलिंग का दिखने लगा असर
काउंसलिंग का असर है कि अब मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। बीमारी से बचाव के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है। कर्मचारियों के साथ सामाजिक संस्थाएं भी जुड़ी हैं। उसे जीवन से लडऩे की प्रेरणा देने के साथ ही खाने व जीवन संगिनी की सुरक्षा का ध्यान, सैक्स वर्कर को सुरक्षा बरतने, गर्भवती महिलाओं व बच्चों को दवा व अन्य बचाव के साधन बता रहे हैं।
एक दिसम्बर को मनाया जाता है एड्स दिवस
विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन एचआईवी महामारी के बारे में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। इसके अलावा इस बीमारी की वजह से जान गवांने वाले लोगों को याद करने के लिए भी इस दिवस को मनाया जाता है। एड्स एक पुरानी बीमारी है जो एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) के कारण होती है। एचआईवी के कारण शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है और लोग संक्रमण और बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। अगर शुरुआती अवस्था में इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह एड्स के रूप में शरीर में विकसित हो जाता है।
एड्स के लक्षण
एचआईवी शरीर के सभी टिश्यू में पाया जाता है लेकिन संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ के माध्यम से रक्त, वीर्य, स्तन के दूध आदि के माध्यम से ट्रांसमिट होता है। यह मुख्य रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली में टी-सेल्स पर अटैक करता है। एचआईवी यौन संपर्क, रक्त संचरण, प्रसवकालीन संचरण के माध्यम से फैलता है। लक्षणों में बुखार, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, थकान, कमजोरी, बढ़ी हुई ग्रंथियां, लाल चकत्ते, रात के दौरान पसीना, अनजाने में वजन कम होना आदि शामिल हो सकते हैं।
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भीलवाड़ा जिले की स्थिति
वर्ष रोगी
2014-15 440
2015-16 410
2016-17 301
2017-18 350
2018-19 340
2019-20 345
2020-21 311
2021-22 140
कुल योग 2637
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