मलेरिया विभाग ने अभी से मच्छरों के प्रकोप से बचाने की तैयारी शुरू कर दी है। डेंगू एंडीज इजेप्टी प्रजाति के मच्छरों के काटने से होता है। ये मच्छर दिन के समय ही लोगों को अपना शिकार बनाता है और जमीन से सिर्फ 8 फीट तक ही उड़ान भर पाता है। गंदे पानी की अपेक्षा ये मच्छर साफ पानी में रहना ज्यादा पसंद करता है। तीन सालो के आंकड़े देखे तो सबसे अधिक डेंगू के मरीज वर्ष 2016 में सामने आए थे। जिले में 132 लोगों को डेंगू का प्रकोप हुआ था और करीब एक दर्जन रोगियों की मौत भी हो गई थी। धान उत्पादक तथा जलभराव वाले क्षेत्र में सबसे अधिक कै श सामने आए थे। डॉक्टरों की माने तो डेंगू या चिकनगुनिया से बचने का सबसे बेहतर उपाय बचाव ही है। पिछले कई सालों से मलेरिया विभाग के द्वारा डेंगू सर्वे के साथ जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। वर्ष 2018 में 50229 स्लाइड बनाई गई है और 38 रोगियों को मलेरिया पीडि़त पाया गया है। वहीं वर्ष 2017 में 40247 स्लाइड बनाई गई थी, इनमें से 70 को मलेरिया का प्रकोप निकला था।
डेेंगू के लक्षण व उपाय ये डेन नामक वायरस के कारण होता है। दो सात दिन तक बुखार आता है, सिरदर्द, मासपेशियों में दर्द, आंखो के आसपास दर्द , छाती ओर दोनों हाथों, छाती में चिकत्ते पड़ जाते हंै। नाक, मसूड़ो, पेट,आंत से खून आना आदि लक्षण पाए जाएं तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें। यदि बुखार आता है तो पैरासिटामोल का सेवन करें, तरल पदार्थ का सेवन करें, गर्भवती माताओं, बच्चे एवं वृद्धों , डायबिटीज रोगियों, हृदय रोगियों को 12 घंटे में उपचार लेना चाहिए।
शहर में कई स्थानों पर जलभराव, पनप रहे मच्छर भिण्ड शहर में सैकड़ो स्थानों पर खाली पड़ों भूखंडों में सालों से गंदा पानी भरा हुआ है। इनमें मच्छरों का कुनवा पनप रहा है। इसी प्रकार शहर के विभिन्न स्थानों से निकले आधा सैकड़ा से अधिक नालों में गंदगी भरी हुई है। गंदगी और मच्छरो के प्रकोप के चलते लोगोंं पर डेंगू का साया मेडरा रहा है। शहर में पिछले तीन साल से स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है लेकिन जलभराव की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
जिलेेें में पाए गए डेंगू के रोगी क्षेत्र 2015 2016 2017 भिण्ड 23 43 09 गोहद 18 26 21 मेहगांव 15 26 09 अटेर 02 13 02 फूप 05 11 02
रौन 04 05 02 लहार 04 08 00 मच्छरों की उत्पति एवं बचाव ुूएंडीज इजेप्टी मच्छर घरों में भरे रहने वाले साफ पानी में पैदा होते हैं।कंटेनर, अंडर ग्राउंड टैंक, टायर, सीमेंट की टंकियों, कूलर में भरे पानी को 7 दिन में साफकरते रहे। पानी में कैरोसिन या जला हुआ मोबाइल डालते रहें।
ुूलार्वा को नष्ट करने के लिए टेमीफांस का छिड़काव करते रहें।कू लर मेें रखी घास को जला दें एवं नईका उपयोग करें। ुूसोते समय मच्छर दानी का उपयोग करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहने।मच्छरों को नष्ट करने के लिए पायथेरन का उपयोग करें।
ुूजलभराव वाले स्थानों पर गंबूसिया मछलियों को छोड़कर मच्छरों के लार्वा को नष्ट किया जा सकता है। &जिला पिछले सालों डेंगू पीडि़त रहने के कारण बरसात के पूर्वसे ही बचाव के उपाय शुरू कर दिए गए हैं। 74 गंावों को हाई रिस्क जोन में रखा गया है। इन गंावों में निरंतर स्लाइड बनाई जा रही है। कुछ स्थानों पर रसायनिक छिड़काव भी किया जाएगा। गंबूसिया छोडऩे की भी योजना है।
रामजी भालावी जिला मलरिया अधिकारी भिण्ड