बता दें कि किसान सेवाराम दोहरे पुत्र भोगीराम दोहरे निवासी जगदीशपुरा गुरुवार की सुबह करीब ७ बजे अपने खेत पर फसल देखने पहुंचे थे। यहां उनके ढाई बीघा खेत में सरसों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी थी। बर्बादी का मंजर देखने के दौरान ही सेवाराम दोहरे बेहोश होकर जमीन पर गिर गए। ऐसे में आसपास खेतों पर काम कर रहे लोग बेहोशी की हालत में घर ले गए, बाद में चिकित्सक द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि सेवाराम दोहरे की हृदयगति रुक जाने से मौत हो गई।
आठ दिन पूर्व लहलहा रही थी खेतों में फसल उल्लेखनीय है कि कृषक सेवाराम की 68वर्षीय मां कल्लो देवी का 08 जनवरी की शाम देहांत हो गया था, जबकि ओलावृष्टि ०९ जनवरी की देर शाम हो गई। ऐसे में अंतिम संस्कार एवं फेरा करने के लिए घर पर आने-जाने वालों से मिलने के चलते सेवाराम अपने खेतों का नुकसान देखने भी नहीं पहुंच पाया। गुरुवार की सुबह सेवाराम वक्त निकालकर अपने ढाई बीघा खेत पर पहुंचा जहां एक हफ्ते पूर्व वह सरसों की लहलहाती फसल छोडक़र आया था। वहां उजड़ी हुई फसल देख उसकी हृदयगति रुक गई और वह खेत की मेढ़ पर ही गिर गया।
मां की मौत उपरांत उसकी १३वीं और कुछ माह बाद बेटे की शादी को लेकर था सोच में मृतक किसान सेवाराम ने चार साल पूर्व अपनी बेटी का विवाह करने के लिए एसबीआई से केसीसी पर ५० हजार रुपए ऋण लिया था। लगातार तीन साल से फसल बिगडऩे के कारण वह ऋण चुकता नहीं कर पाया। लिहाजा केसीसी ऋण राशि बढक़र ७६ हजार हो गई। इतना ही नहीं बिजली बिल के रूप में भी उस पर करीब २० हजार रुपए का बकाया बताया जा रहा है। ऊपर से उसकी मां कल्लो देवी के निधन उपरांत तेरहवीं तथा कुछ महीने बाद अपने २४ वर्षीय बेटे भैयालाल दोहरे की शादी के लिए होने वाले खर्च को लेकर चिंतित था।