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भूड़ली के पहाड़ में बायो डायवर्सिटी पार्क की योजना हरियाली एवं एडवेंचर से मिले नई पहचान

बजट में घोषित विकास कार्य नहीं बढ़ सके आगे

भिवाड़ीMay 22, 2024 / 06:54 pm

Dharmendra dixit

भिवाड़ी. अवैध खनन से प्रभावित भूड़ली के पहाड़ में टूरिस्ट एवं एडवेंचर स्थल विकसित करने का मामला ठंडा पड़ता दिखाई दे रहा है। नवंबर 2022 में प्रभारी सचिव शिखर अग्रवाल ने यहां पर पौधारोपण कर टूरिस्ट स्पॉट विकसित करने की संभावनाओं को तलाशा था। इसके बाद बजट में भी उक्त क्षेत्र को लेकर प्रावधान किया गया लेकिन योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो फिलहाल उक्त क्षेत्र में बायो डायवर्सिटी पार्क की योजना है। इसकी स्वीकृति के लिए फाइल राज्य सरकार के पास है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद योजना का विस्तृत खाका खींचकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। केंद्र से स्वीकृति मिलने के बाद यहां पर बायो पार्क को विकसित किया जा सकेगा।

बजट में घोषणा फिर भी नहीं बढ़ी योजना

कहरानी पार्कग्रीन लंग्स (भूड़ली के पहाड़) नया टूरिस्ट एवं एडवेंटचर स्थल के रूप में विकसित करने की योजना थी। 75 हेक्टेयर में फैले इस वन क्षेत्र से जल्द ही अवैध खनन के दाग मिटने की संभावना बनी थी। यहां हरियाली विकसित कर पर्यटकों को घूमने और एनसीआर में ऑक्सीजन प्लांट के रूप में विकसित किए जाने की योजना थी। सरकार ने 2023 बजट में कहरानी वन क्षेत्र के विकास की घोषणा की थी। इस क्रम में यहां छह फीट ऊंची 900 रन मीटर दीवार, दो हजार पौधारोपण, दो पीसी टैंक, तीन मीटर चौड़ा, तीन हजार मीटर लंबा प्राकृतिक ट्रेल, गेट, गार्ड चौकी, वॉच टावर, सोलर पंप, चार हजार मीटर पाइपलाइन, एक कैटल गार्ड टेंट, तीन इको टेंट व्यवस्था की घोषणा हुई। एक करोड़ रुपए विकास कार्यों पर खर्च होने थे। तीन मीटर के प्राकृतिक ट्रेल से पर्यटक वन क्षेत्र में घूम सकते थे।

पर्यावरण सुधार

भिवाड़ी शहर और औद्योगिक क्षेत्र के नजदीक होने की वजह से पौधारोण से पर्यावरण स्वच्छ होता। यह क्षेत्र दिल्ली से 70 किमी की दूरी पर है। अगर यहां पर्यटकों को लुभाने के लिए एडवेंचर गतिविधि विकसित होती हैं तो भिवाड़ी को पर्यटन के लिए भी पहचान मिलेगी। इस क्षेत्र में पूर्व में बड़ी तादाद में अवैध खनन होता था। जिसकी वजह से जमीन में सैकड़ों फीट गहरे गड्ढे हो चुके हैं।

खतरनाक अपशिष्ट का डंपिंग यार्ड

अवैध खनन के बाद इस वन क्षेत्र को उजाड़ समझकर हजारों टन हजार्डस्ट वेस्ट (खतरनाक अपशिष्ट) भी फेंका गया। पहाड़ी और समतल जमीन सभी जगह ढेर के रूप में यहां खतरनाक अपशिष्ट दिखाई देता है। अपशिष्ट क्षेत्र की कंपनियों ने चोरी-छिपे यहां फेंका है। इस तरह के अपशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण होता है। एक निश्चित स्थान पर ही इसे एकत्रित किया जाता है।

दिल्ली गुरुग्राम की तरह बायो डायवर्सिटी पार्क तैयार किया जाएगा। इसके लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। अच्छे तालाब विकसित किए जाएंगे, लोगों को घूमने के लिए अच्छा स्थान मिलेगा।
राजेंद्र कुमार हुड्डा, डीएफओ

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