भिवाड़ी

दादरी-रेवाड़ी पैकेज के ट्रेक पर फरवरी 2023 तक दौडऩे लगेगी मालवाहक रेल

रेवाड़ी-नूंह खंड पर भी ट्रेन चलाने के लिए तैयारियां तेज कर दी है। निर्माण में किसी भी तरह की कमी न रहे, इसके लिए बरत रहे काफी सावधानी राजस्थान के पुलिस जिला भिवाड़ी के उद्यमियों को माल के आदान-प्रदान के लिए जाना पड़ेगा हरियाणा के न्यू तावड़ू स्टेशन तक।

3 min read
भिवाड़ी. नवनिर्मित न्यू तावड़ू स्टेशन।

भिवाड़ीे. देश में मालगाडिय़ों के लिए स्वतंत्र कॉरिडोर हों, इसे लेकर केन्द्र सरकार की ओर से डेडिकेडिड फ्रंट कॉरिडोर बनाने की योजना अब मूर्त रूप ले रही है। इस योजना के तहत उत्तरप्रदेश में दादरी से लेकर मुंबई तक करीब 1504 किलोमीटर लंबे वेस्टर्न डेडिकेडिड फ्रंट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। प्रोजेक्ट पर बेहतर तरीके से काम करने के लिए इसे कई पैकेज में बांटा गया है। इसी कड़ी में हरियाणा के जिला रेवाड़ी से दादरी पैकेज में नूंह-रेवाड़ी भाग की लंबाई करीब 45 किलोमीटर रखी गई है। जिसका निर्माण कार्य पूरा हो गया है और डेडिकेटेड वेस्टर्न कॉरिडोर के रेवाड़ी-नूंह खंड पर ट्रेन चलाने के लिए तैयारियां तेज कर दी है। आगामी कुछ दिनों में विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले माह में राजस्थान के पुलिस जिला भिवाड़ी की सीमा से सटे हरियाणा के न्यू तावड़ू स्टेशन तक मालगाडिय़ों का संचालन शुरू हो जाएगा, पर दुखद यह है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद भिवाड़ी के उद्यमियों को सीधे तौर पर इस प्रोजेक्ट का लाभ भरपूर लाभ मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। इसी आशंका में उद्यमी कुंठित नजर आ रहे हैं।


ये राज्य आएंगे दायरे में
वेस्टर्न डेडिकेडिड फ्रंट कोरिडोर के दायरे में राजस्थान सहित पड़ोसी राज्य हरियाणा, उत्तरप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र आएंगे, जबकि ईस्टर्न डेडिकेडिड फ्रंट कॉरिडोर को पंजाब में साहनेवाल, लुधियाना से लेकर पश्चिम बंगाल के धनकुंज तक विकसित किया जा रहा है। इसके दायरे में पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल आदि राज्य आएंगे। मालगाडिय़ों के लिए अलग कॉरिडोर को ध्यान में रख कर ही महाराष्ट्र में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल से उत्तरप्रदेश में दादरी तक वेस्टर्न डेडिकेडिड फ्रंट कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है।


पहले भिवाड़ी के खुशखेड़ा में था यार्ड प्रस्तावित
सूत्रों के अनुसार पहले पुलिस जिला भिवाड़ी में खुशखेड़ा के सलारपुर औद्योगिक क्षेत्र के निकट लोडिंग-अनलोडिंग के लिए यार्ड बनाया जाना प्रस्तावित था, लेकिन न्यू तावड़ू स्टेशन बनने से इसकी सारी उम्मीदें लगभग खत्म सी हो गई है। उक्त परिस्थितियों में उद्यमियों को अपना माल तावड़ू स्टेशन तक पहुंचाना होगा, तभी ट्रेन से बाहर भेजा या लाया जा सकेगा। भिवाड़ी के उद्यमियों को उम्मीद थी कि सलारपुर में यार्ड बनने से यहीं से माल का आयात-निर्यात किया जा सकेगा, जिससे कई लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता, वहीं उद्यमियों को भी कई तरह से सहुलियत मिलती। भिवाड़ी के बजाय हरियाणा के तावड़ू में स्टेशन बनाने से भिवाड़ी को फायदा होता नजर नहीं आ रहा है, बल्कि पहले की तरह समय व पैसे की बर्बादी होगी। भिवाड़ी राजस्थान की सबसे बड़ी औद्योगिक नगरी है। भिवाड़ी, खुशखेड़ा, कारोली, सलारपुर से ही सबसे अधिक माल लोड-अनलोड होता है।


फरवरी 2023 में ट्रेक पर रेल दौड़ाने का है लक्ष्य
वेस्टर्न डेडिकेडिड फ्रंट कोरिडोर के अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक वाईपी शर्मा ने बताया कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र में बनाई गई सुरंग में अगले महीने से ट्रेक बिछाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। ट्रेक बिछाने का काम पूरा होते ही ट्रायल शुरू किया जाएगा और वर्ष 2023 के फरवरी महीने से टे्रक पर मालवाहक रेल चलाने का लक्ष्य रखा गया है। वेस्टर्न डेडिकेडिड फ्रंट कॉरिडोर का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। अरावली पहाड़ी क्षेत्र में बनाई गई सुरंग में ट्रेक बिछाने से पहले लाइटिंग की सुविधा जरूरी है। जिस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अगले वर्ष फरवरी तक दादरी-रेवाड़ी पैकेज पर बनाए गए ट्रेक पर मालवाहक रेल दौडऩा शुरू हो जाएगी। निर्माण में किसी भी तरह की कमी न रहे, इसके लिए काफी सावधानी बरती जा रही है।


एक किमी सुरंग दुनिया में अनूठी
हरियाणा के सोहना के समीप अरावली पहाड़ी में बनाई गई एक किलोमीटर लंबी सुरंग दादरी से रेवाड़ी पैकेज का हिस्सा है। सुरंग का निर्माण कई महीने पहले पूरा हो गया है। अब इस सुरंग के भीतर ड्रेन बनाने का काम अंतिम चरण में है। इस कार्य के पूरा होते ही ट्रेक बिछाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र में बनाई गई यह सुरंग अपने आप में दुनिया में अनूठी है। सुरंग से डबल डेकर मालवाहक गाडिय़ां निकलेगी। यही नहीं एक साथ 2-2 मालवाहक गाडिय़ां आवाजाही करेगी। फिलहाल पूरी दुनिया में कही भी ऐसी सुरंग नहीं है, जिसमें से एक साथ 2 रेल आवाजाही करती हों। इस सुरंग की चौड़ाई 15 मीटर और ऊंचाई 12 मीटर है। इसमें ओवरहैड इलेक्ट्रॉनिक एक्यूपरमेटर की सुविधा है। सुरंग का अरावली पहाड़ी से लगभग तीस मीटर नीचे निर्माण किया गया है। ट्रेक पर औसतन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मालवाहक ट्रेन दौड़ेगी। वेस्टर्न डेडिकेडिड फ्रंट कोरिडोर के अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक वाईपी शर्मा ने बताया कि सोहना से नूंह पहाड़ी क्षेत्र में एक किलोमीटर लंबी सुरंग में ड्रेन बनाने का काम तेजी से चल रहा है, जो अगले महीने तक पूरा होगा।

Published on:
13 Oct 2022 02:54 pm
Also Read
View All

अगली खबर