
भिवाड़ी. शाहड़ौद गांव में प्रस्तावित सीईटीपी का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर होगा। सीईटीपी की डीपीआर कहरानी ग्रीन ट्रीटर्स एसोसिएशन (केजीटीए) ने तैयार कराई है, जिसमें 152 करोड़ की लागत अनुमानित है। सीईटीपी निर्माण के लिए 75 करोड़ का बजट राज्य सरकार देती है। शेष राशि निजी क्षेत्र से आएगी, जिसमें टेंडर किया जाएगा। एसपीवी पदाधिकारियों ने बताया कि तीन चार एजेंसी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेंगी, जिसकी दर न्यूनतम होंगी, उन्हें निर्माण सहित संचालन के लिए सीईटीपी दिया जाएगा। अक्टूबर में टेक्निकल इवेल्युएशन कमेटी (टीईसी) की बैठक हुई। बैठक में तकनीकि जानकारों ने डीपीआर में शोधित पानी को भेजने के लिए वाटर टैंक नहीं होने, वाटर टैंक नहीं होने पर 24 घंटे ऑनलाइन आपूर्ति करने, शोधित पानी की अधिक लागत, 75 करोड़ का बजट सरकार की ओर से दिया जाता है, शेष बजट कहां से आएगा, इसके बारे में स्पष्टता नहीं होने के बारे में सवाल किए। जिसकी वजह से किसी अन्य एजेंसी की ओर से डीपीआर की जांच की जाएगी। चौपानकी, कहरानी, पथरेड़ी, में 1498 इकाइयां हैं, जिसमें से करीब एक हजार औद्योगिक परिसर में उत्पादन होता है, इसमें से अभी तक 410 इकाइयां सीईटीपी की सदस्य बन चुकी हैं। रीको के आवंटन पत्र के अनुसार सभी इकाइयों को सीईटीपी का सदस्य बनना अनिवार्य हैं। टीईसी की बैठक जल्द होनी है। जो पूर्व में कमियां बताई गईं थी, उन्हें दूर कर लिया है। आरपीसीबी अधिकारियों ने बताया कि केजीटीए ने कंसल्टेंट को बुलाया है, पूर्व की बैठक में जो कमियां बताई थीं, उन्हें पूरा कर हमें बताएंगे, तब फाइनल डीपीआर जयपुर भेजेेंगे। औद्योगिक क्षेत्र से लगते गांव के खेतों में गंदा पानी भरता है, जिससे भूजल दूषित हो रहा है। कई वर्षों से यहां पर सीईटीपी निर्माण को लेकर प्रक्रिया चल रही है लेकिन अभी तक मामला जमीनी स्तर पर नहीं आया है। चौपानकी, पथरेड़ी की औद्योगिक इकाइयों से निकले दूषित पानी आसपास के गांव में खाली पड़े खेतों में आता है, कई बार खेतों में खड़ी फसल भी दूषित पानी से नष्ट हो जाती है। जमीन से दूषित पानी निकलता है। रीको ने यहां पर आठ एकड़ भूमि चिन्हित की है जिस पर 152 करोड़ रुपए से सीईटीपी का निर्माण होगा। सीईटीपी में चार औद्योगिक क्षेत्र की 1498 इकाइयों से निकले गंदे पानी का शोधन होगा। पथरेड़ी, चौपानकी, कहरानी में उद्योगों का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा चुका है। छह एमएलडी कॉमन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के लिए 152 करोड़ रुपए की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो चुकी है। सीईटीपी से चौपानकी, कहरानी, बंदापुर और पथरेड़ी की करीब 1498 इकाइयों जुड़ेंगी और इनका पानी शोधित होगा। एक लाइन से गंदा पानी आएगा, दूसरी लाइन से शोधित पानी इकाइयों को जाएगा, जिसे इकाइयों को दोबारा से उपयोग में लेना होगा। सीईटीपी एसपीवी अध्यक्ष रामनारायण चौधरी ने बताया प्रोजेक्ट डीपीआर में जो कमी बताई थी, उन्हें दूर कर लिया गया है। रीको से 11 अगस्त को जमीन आवंटन हो गया है, 10 अगस्त 2028 तक सीईटीपी निर्माण कर दूषित पानी का शोधन करना है।
Published on:
18 Dec 2025 06:55 pm
बड़ी खबरें
View Allसमाचार
ट्रेंडिंग
