कैसे हो अपराध नियंत्रण, थानों में स्वीकृत पद भी खाली
अपराध के अनुपात में नहीं बढ़ाया थानों का संख्या बल, चार चौकियों पर तैनात नहीं एक भी जवान
कैसे हो अपराध नियंत्रण, थानों में स्वीकृत पद भी खाली
भिवाड़ी. एनसीआर, मेवात और अंतरराज्यीय बॉर्डर होने से भिवाड़ी काफी संवेदनशील हो जाता है। बड़े-बड़े उद्योग लगने से इसका महत्व बढ़ जाता है। इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए 2019 में नया पुलिस जिला का गठन हुआ। 2023 में इसको भी दो हिस्सों में बांट दिया गया। लेकिन नफरी की कमी से यह जिला हमेशा ही जूझता रहा है। किसी भी थाने में पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं है। यहां तक कि कई चौकियों पर कोई जवान तैनात नहीं है। ऐसी स्थिति में अपराध नियंत्रण बड़ी चुनौती है। पुलिस जिले में वर्तमान में 615 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। रिजर्व लाइन में भी पुलिसकर्मियों का अभाव है। प्रशिक्षण एवं आपात स्थिति के लिए भी पुलिस बल की कमी है। गोतस्करी, बाइक चोरी, चेन स्नेचिंग जैसे अपराधों को रोकने के लिए बनाई गई चौकियां जवानों की कमी से खाली पड़ी हैं।
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थाना स्वीकृत पद कार्यरत
भिवाड़ी 37 33
भिवाड़ी मोड चौकी 15 5
फेज तृतीय 35 30
अमलाकी चौकी 7 00
चौपानकी 37 23
चौपानकी चौकी 6 00
झिवाना चौकी 7 2
तिजारा 57 51
जेरोली चौकी 7 3
गोठड़ा चौकी 7 0
टपूकड़ा 38 26
शेखपुर 37 31
खुशखेड़ा 43 31
शेखपुर चौकी 7 0
महिला थाना 28 20
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स्वीकृत पद भी कम
औद्योगिक क्षेत्र को दृष्टिगत रखते हुए 1988 में भिवाड़ी थाने का गठन हुआ। वर्तमान में यहां सबसे ज्यादा अपराध के मामले दर्ज होते हैं। उद्योग क्षेत्र का बड़ा हिस्सा थाना क्षेत्र में आता है। यहां पर कुल पद 37 स्वीकृत हैं। जबकि तिजारा में यहां से कम मामले दर्ज होते हैं और वहां पर 57 पद स्वीकृत हैं। इसी प्रकार खुशखेड़ा थाना नया है यहां पर 43 पद स्वीकृत हैं, वहीं चौपानकी में 37 पद स्वीकृत हैं। जिस तरह से भिवाड़ी थाने में अपराध बढ़े हैं, उस अनुपात में यहां नव सृजित पद की संख्या नहीं बढ़ाई गई है।
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यह रहा अपराध का ग्राफ
आईपीसी में 2022 में 2884 मामले दर्ज हुए, जबकि 2023 में 12 प्रतिशत की कमी आई और 2537 मामले दर्ज हुए। लोकल स्पेशल एक्ट के 2022 में 898 मामले दर्ज हुए, जबकि 2023 में पांच फीसदी की वृद्धि होने से 940 मामले दर्ज हुए। प्रिवेंटिव सेक्शन में 2022 में 679 और 2023 में 922 मामले दर्ज हुए। महिला अत्याचार के 2022 में 462 और 2023 में 384 मामले दर्ज हुए। एससी एसटी एक्ट के 2022 में 85 और 2023 में 68 मामले दर्ज हुए।
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जो भी पुलिसबल एवं संसाधन हैं उनसे बेहतर सेवाएं देने का प्रयास किया जा रहा है। आमजन की शिकायत का निस्तारण एवं अपराध पर लगाम ही उद्देश्य है।
दिलीप सैनी, एएसपी
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