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महिला अधिकारी ने यह जानकारी बैंक प्रबंधन को दी तो पता चला कि सभी ट्रांजेक्शन वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) बताने के आधार पर किए गए हैं, इसलिए बैंक की इसमें कोई गलती नहीं है। तब पीड़िता ने क्राइम ब्रांच और साइबर पुलिस में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कराया।
साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक महिला अधिकारी के बैंक खाते से रुपए निकालने के लिए आरोपियों ने तीन अलग-अलग सिम नंबर का इस्तेमाल किया था। यह नंबर अब बंद हो गए हैं। पीड़िता के बैंक खाते से राशि निकालकर जिन खातों में जमा करवाई गई है, उन्हें ट्रेस कर लिया गया है। उनके अकाउंट होल्डर का पता लगाकर जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।
अज्ञात फोन कॉल के झांसे में न आएं
पुलिस ने एक बार फिर लोगों से अपील की है कि कर्ज व नौकरी दिलाने, कैशबैक रिवॉर्ड एवं पेटीएम या बैंक खाता अपडेट करने के नाम पर कोई भी जानकारी अज्ञात मोबाइल धारक से साझा नहीं करें। किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक न करें । वर्तमान में साइबर फ्रॉड गैंग लोगों को फोन कर व्यक्तिगत जानकारियां लेकर बैंक खाते से पैसा चोरी कर रहे हैं।