-राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट, कांग्रेस नेता राजबब्बर, शरद पंवार,भोपाल दक्षिण पश्चिम से विधायक पीसी शर्मा, कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा,नवजोत सिंह सिद्दू,हेमंत सोरेन, आचार्य प्रमोद, भी मंच पर पहुंचे।
कंप्यूटर बाबा ने कार्यक्रम में मंत्रोच्चार के पहले ही माइक हाथ में ले लिया और संबोधित करने लगे। उन्होने कहा कि अब कमलनाथ की सरकार बन रही है। हिन्दु, मुस्लिम, सिख, इसाई आपस में भाई भाई रहेंगे। हमारे मठमंदिर बचेंगे। संतों का सम्मान होगा। गोवंश बचेगा। बाद में उन्हें शांत कराया गया और धार्मिक रस्म शुरू कराई गई।
नवनियुक्त मुख्यमंत्री कमलनाथ जंबूरी मैदान के लिए रवाना। डेढ़ बजे लेंगे शपथ। 11.30 pm
जंबूरी मैदान पर दिग्गज नेताओं और विधायकों का पहुंचने का सिलसिला शुरू। 11.00 pm
जंबूरी मैदान के आसपास बड़ी संख्या में कमलनाथ के होर्डिंग्स लगाए गए। इनमें से सिंधिया के फोटो नदारद।
कांग्रेस ने 15 साल बाद मिली जीत को भव्य रूप देने के लिए भोपाल के जंबूरी मैदान पर बड़ा शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया है। इससे पहले बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एकत्र हुए। वहां से वाहनों में सवार होकर जंबूरी मैदान के लिए रवाना हो गए। जंबूरी मैदान पर बड़ी संख्या में कांग्रेसजनों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कुमार स्वामी, भूपेंद्र हुड्डा, फारुख अब्दुल्ला, शरद यादव, चंद्रबाबू नायडू, तेजस्वी यादव समेत अन्य दिग्गज नेता भी शामिल हुए। आमंत्रण पत्र के लिए मारामारी
इधर, कांग्रेस के इस बड़े आयोजन में कई नेताओं को ही आमंत्रण पत्र नहीं मिल पाया। वे कई बड़े नेताओं के चक्कर काट रहे हैं। पास नहीं मिलने पर कुछ नेताओं ने अपनी नाराजगी भी व्यक्त की है।
जब दिग्विजय की हुई शिवराज से मुलाकात
इससे पहले शिवराज सिंह चौहान की मुलाकात पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ हुई। उनके साथ विधायक जयवर्धन सिंह भी थे। दिग्विजय सिंह और शिवराज सिंह ने पुष्पगुच्छ के साथ एक दूसरे का अभिनंदन किया। इस मुलाकात को सौजन्य भेंट बताया गया है।
इधर, कमलनाथ ने शपथ ग्रहण से पहले मीडिया से कहा है कि आज का दिन मेरे जीवन में मील का पत्थर है, जो विश्वास जनता ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर दिखाया है, उसके काबिल बना रहा हूं।
शपथ ग्रहण के बाद ये बन सकते हैं मंत्री
मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार में सबसे बड़ा मंत्रिमंडल हो सकता है। इसमें 37 नामों पर चर्चा संभव है। इनमें जातिगत समीकरणों और क्षेत्र को सामंजस्य बैठाने की कोशिश की जाएगी।
मालवा-निमाड़ से हो सकते हैं 11 मंत्री
कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, हुकूम सिंह कराड़ा, विजय लक्ष्मी साधौ, बाला बच्चन, तुलसी सिलावट, उमंग सिंगार, जीतू पटवारी, सचिन यादव, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, दिलीप सिंह गुर्जर या रामलाल मालवीय मंत्री बनने की दौड़ में हैं।
-बुंदेलखंड के जिन चार विधायकों को मौका मिल सकता है उनमें ब्रजेंद्र सिंह राठौर, गोविंद सिंह राजपूत, हर्षयादव और विक्रम सिंह शामिल हैं।
-इसके अलावा महाकौशल से 7 मंत्रियों को कमलनाथ की टीम में लेने की चर्चा है। इनमें एनपी प्रजापति, तरुण भानौत, दीपक सक्सेना, लखन घनघोरिया, ओमकार सिंह मरकाम, सुखदेव पांसे, हिना कावरे शामिल हो सकते हैं।
इनके अलावा कांग्रेस को समर्थन देने वाले दो निर्दलीय विधायकों प्रदीप जायसवाल और सुरेंद्र सिंह (शेरा) भी मंत्री बन सकते हैं।
उधर, विधानसभा अध्यक्ष बनने की हौड़ में डॉ. गोविंद सिंह, केपी सिंह, डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ, एनपी प्रजापति भी शामिल हैं। इनमें से किसी को यह पद सौंपा जा सका है।