scriptअस्पतालों की लापरवाही से बंद पड़े प्रदेश के 33 ब्लड यूनिट्स | 33 blood units of the state closed due to negligence of hospitals | Patrika News
भोपाल

अस्पतालों की लापरवाही से बंद पड़े प्रदेश के 33 ब्लड यूनिट्स

ब्लड स्टोरेज यूनिट्स खोले पर अफसर नहीं जुटा पाए संसाधन, नतीजा…रक्त के लिए परेशान हो रहे लोग

भोपालAug 18, 2021 / 10:26 am

Hitendra Sharma

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भोपाल. राजधानी के दो अस्पतालों महित प्रदेश के 33 अस्पतालों की ब्लड स्टोरेज यूनिट्स के लाइसेंस एक्सपायर हो गए हैं। अस्पताल प्रबंधन जरूरी संसाधन जुटाकर इन्हें रिन्यू कराने को लेकर गंभीर नहीं हैं। नतीजा कई परीज ब्लड नहीं मिलने में गंधीर हालत में पहुंच रहे हैं।! भोपाल के सुल्तानिया जनाना और स्वास्थ्य केन्द्र कोलार का लाइसेंम लंबे समय से एक्सपायर है। लेकिन प्रबंधन जरूरी संसाधन और स्टाफ तक नहीं जुटा पाए हैं। अन्य अस्पतालों में भी यही स्थिति है।

प्रदेश में यह हाल
मध्य प्रदेश में हर साल 08 लाख यूनिट ब्लड की जरूरत होती है जिसमें से 3.5 लाख यूनिट रक्तदान के जरिए मिलता है। वही 1917 यूनिट रक्त की जरूरत प्रतिदिन प्रदेश में होती है। इसके लिए यहां 62 सरकारी, 78 निजी ब्लड बैंक है। प्रदेश में एनीमिया मौत का बड़ा कारण है ग्रामीण क्षेत्रों में 70 फीसदी गर्भवतियां खून की कमी से ग्रसित हैं। इनमें से प्री डिलीवरी के चलते नवजात दम तोड़ देते हैं। अप्रेल से नवंबर 2019 तक 34655 में 23,919 गर्भवतियों में खून की कमी पाई गई थी।

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प्रदेश में यहां बंद पड़ी हैं ब्लड यूनिट
भोपाल के सुल्तानिया अस्पताल, कोलार सीएचसी के अलावा आष्टा सिविल अस्पताल, सीएचसी नसरुल्लागंज, सीएचसी ब्यावरा, सीएचसी मुलताई, सिरोंज अस्पताल, करैरा सीएचसी, चंदेरी सीएचसी, इंदौर जिला अस्पताल, पीसी सेठी अस्पताल, बड़ा खालवा सीएचसी, महेश्वरर सीएचसी, पेटलावद सीएचसी, जोबट सीएचसी, शहपुरा व सिहोरा सीएचसी, सौंसर व पांढनाज सीएचसी, लखनादौन सीएचसी, नैनपुर सीएचसी, विजय राघवगढ़ सिविल अस्पताल, शहपुरा सीएचसी, प्रथ्वीपुर, पवई व अजयगढ़ सीएचसी, बागली सीएचसी, गरोठ सिविल अस्पताल, जावरा सिविल अस्पताल, बाजना सीएचसी,रामपुर नैकिन सीएचसी, पुष्पराजगढ़ सीएचसी, चितरंगी सीएचसी के लाइसेंस एक्सपायर हो चुके हैं।

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प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि हमने प्रदेश में रक्त वाहिनी मोबाइल वैन चलाई है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी रक्त की कमी न हो। महिलाओं को किसी प्रकार की रक्त की कमी नहीं होने दी जाएगी। सीएमएचओ, भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि जिन अस्पतालों में ब्लड यूनिट काम कलर रहीं, उन्हें सख्त के साथ के कहा जाएगा। सुल्तानिया अस्पताल अधीक्षक डॉ. विजय नंदमेर ने कहा कि हमारे यहां ब्लड बैंक नहीं है स्टोरेस यूनिट है जो चल रही है. कुछ दिन बंद रही है, लेकिन मरीजों को दिक्कत नहीं होती।

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