आपको बता दें कि, बीते ढाई वर्षों में इस मामले पर सिर्फ विचार विमर्श ही चल रहा है कि, 80 हजार पात्र शिक्षकों को क्रमोन्नति का लाभ देना है या फिर उन्हें समयमान वेतनमान दिया जाना है। फिलहाल, लंबी चर्चाओं के बावजूद अब भी कुछ तय नहीं हो सका है। लेकिन एक सहमति बनी है कि, शिक्षकों को समयमान वेतनमान दिया जाएगा। सरकार द्वारा लोक शिक्षण संचालनालय को निर्देशित किया गया है कि, समयमान वेतनमान के लिए प्रस्ताव तैयार करें। आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन ये चौथी बार है जब इस संबंध में प्रस्ताव में संशोधन किया जा रहा है। इससे पहले भी तीन बार प्रस्ताव तैयार किये जा चुके हैं।
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ये है मामला
उल्लेखनीय है कि, मध्य प्रदेश में वर्ष 2018 में शिक्षक संवर्ग में शामिल किए गए 80 हजार अध्यापकों को क्रमोन्नति का इंतजार है। इन सभी की नियुक्तियां वर्ष 2006 में की गई थीं। वर्ष 2018 में इनकी सेवा के 12 वर्ष पूरे हो जाते हैं। इसके आधार पर सभी शिक्षक क्रमोन्नति के अधिकारी हो जाते हैं।
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