
9 year old innocent can stand only when tied with rope
भोपाल. जानलेवा बीमारी ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का प्रकोप दुनिया में लगातार बढ़ रहा है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी 9 साल का एक मासूम आरुष लखेरा इस रोग से जूझ रहा है. हाल ये हैं कि खेलने—कूदने की उम्र में वह खड़ा तक नहीं हो पा रहा. उसे खड़े करने के लिए रस्सी से बांधना पड़ रहा है.
आरुष के पिता धर्मेंद्र लखेरा के अनुसार जन्म के समय आरुष सामान्य बच्चों की तरह ही था. वह बचपन में खूब मस्ती में करता था लेकिन तीन साल की उम्र में उसके पैरों में तकलीफ शुरू हो गई. उसे खड़े होने तक में परेशानी होने लगी. अब वह खुद खड़ा तक नहीं रह सकता, उसे रस्सी से बांधना होता है.
दरअसल यह दुर्लभ बीमारी है और हजारों बच्चों में से एक को होती है. भारत में तो अभी इसका कोई इलाज तक नहीं है. कुछ जगहों पर विदेशी डॉक्टरों की मदद से इसका इलाज किया जाता है. इस बीमारी का प्रारंभिक इलाज का खर्च ही करीब 2 करोड़ रुपए बताया जाता है. बच्चे की बीमारी के इलाज के लिए अब तक कई लोग आर्थिक मदद भी कर चुके हैं.
आरुष अपने हमउम्र बच्चों को देखकर अक्सर दुखी हो उठता है. पापा से पूछता है कि मैं कब चल पाऊंगा. चलने की बात सुनकर वह हर दर्द झेलने को तैयार हो जाता है. आरुष रोज पढ़ाई करता है और उसे पेंटिग करना भी पसंद है। डाक्टर्स के अनुसार आरुष को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी मांसपेशियों की करीब 80 तरह की बीमारियों से सबसे जानलेवा ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) है।
Published on:
21 Oct 2021 08:45 am
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