राज्य निर्वाचन आयोग ने ऐसे अधिकारियों को हटाने के बारे में गृह और राजस्व विभाग को कार्यवाही कर प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार राज्य शासन से ऐसे अधिकारियों को स्थानांतरित करने के लिए कहा गया है, जो चुनाव प्रक्रिया से सीधे जुड़े होते हैं। ऐसे अधिकारियों—कर्मचारियों में एसडीएम, तहसीलदार से लेकर पंचायतों के निचले कर्मचारी यानि पंचायत सचिव भी शामिल हैं।
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विकासखंड स्तर पर किसी भी अधिकारी को 4 साल की अवधि में तीन वर्ष एक स्थान पर पदस्थ नहीं होना चाहिए— निर्वाचन आयोग के इस निर्देश के बाद सबसे ज्यादा राजस्व विभाग पर गिरेगी. राजस्व विभाग से साफ तौर पर कहा गया है कि विकासखंड स्तर पर किसी भी अधिकारी को 4 साल की अवधि में तीन वर्ष एक स्थान पर पदस्थ नहीं होना चाहिए। एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, डीएसपी, थाना प्रभारी, उप निरीक्षक, सहायक निरीक्षक, राजस्व निरीक्षक, पंचायत सचिवों के लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं।
अंदेशा है कि पंचायत सचिवों के लंबे समय से एक ही जगह पदस्थ रहने से चुनाव की निष्पक्षता होगी प्रभावित— आयोग को अंदेशा है कि पंचायत सचिवों के लंबे समय से एक ही जगह पदस्थ रहने से चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। इस संबंध में आयोग को शिकायतें भी मिली थीं. आयोग के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय सक्रिय हो उठा है. मुख्यालय ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों यानि एसपी से एएसपी, टीआई और उप पुलिस निरीक्षक के तीन साल से एक स्थान पर पदस्थ नहीं होने संबंधी प्रमाण पत्र की मांग की है।