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भोपाल

17 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइटें बंद, रहवासी पूछ रहे हैं शिकायत का हुआ क्या ?

नगर निगम, स्मार्ट सिटी, पीडब्ल्यूडी, सीपीए, बीडीए और हाउसिंग बोर्ड के पास रोजाना आती हैं 40 से अधिक शिकायतें, एक-एक शिकायत के निवारण में लग रहा है दस दिन का समय

भोपालSep 20, 2019 / 12:04 pm

KRISHNAKANT SHUKLA

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भोपाल. राजधानी में मुख्य मार्गों से लेकर कॉलोनी की गलियां तक शाम ढलते ही अंधेरे में डूब जाती हैं। शहर में लगीं 42 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट्स में से 40 फीसदी बंद हैं। इनकी संख्या तकरीबन 17 हजार बताई जा रही है। कई रास्तों पर तो खंभों पर एक साल बीतने के बाद भी लाइट्स नहीं लगाई गई हैं। देखरेख के अभाव में अधिकतर लाइट्स का मुंह जमीन के बजाय आसमान की ओर है। जानकारों के मुताबिक कुप्रबंधन का ही नतीजा है कि हबीबगंज रेलवे क्रॉसिंग के पास सवारकर सेतु पर दिन में लाइट जलती हैं, लेकिन शाम ढलते ही ये बंद हो जाती हैं। सडक़ों पर पसरा अंधेरा दुर्घटना की वजह बना रहा है।

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स्ट्रीट लाइट्स सुधारने के लिए नगर निगम, स्मार्ट सिटी, पीडब्ल्यूडी, सीपीए समेत बीडीए और हाउसिंग बोर्ड को रोजाना औसतन 40 से अधिक शिकायतें की जा रही हैं। सुधार कार्यों की सुस्त रफ्तार का अंदाजा इस से लगाया जा सकता है कि एक शिकायत के निराकरण में न्यूनतम दस दिन लग रहे हैं। कई शिकायतों को दो महीने से अधिक हो गए हंै। मोहल्लों में लगी स्ट्रीट लाइट्स की मरम्मत करवाने के लिए आला अधिकारियों को फोन लगाए जा रहे हैं, पर नतीजा सिफर है।

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पांच एजेंसियां, एक कॉल सेंटर, फिर भी शिकायत संबंधित तक पहुंचती ही नहीं: स्मार्ट सिटी शहर में 20 हजार एलईडी लाइट्स लगाने का दावा करती है। इतनी ही लाइट्स निगम के जिम्मे हैं। कुछ लाइट्स पीडब्ल्यूडी, सीपीए, बीडीए और हाउसिंग बोर्ड ने लगा रखी हैं। निगम कॉल सेंटर 155304 पर आई शिकायत एलईडी को लेकर है तो लौटा देते हैं, क्योंकि उस व्यवस्था को स्मार्ट सिटी देखती है। पीडब्ल्यूडी व सीपीए की रोड पर भी यही स्थिति है। शिकायतकर्ता भटकते रहते हैं।

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अंधेरे में डूब जाते हैं 500 से अधिक क्षेत्र

शहर में 500 क्षेत्र अंधेरे से जूझ रहे हैं। कटारा हिल्स, बाग मुगालिया-बाग सेवनियां, अरविंद विहार,एम्स रोड, अमराई, हबीबगंज, मिसरोद बीआरटीएस होशंगाबाद रोड, कोलार दानिशकुंज से सीआई चौराहा, बावडियाकलां से रेलवे क्रॉसिंग तक लाइट ही नहीं हैं। सनखेड़ी 80 फीट रोड पर लाइट नहीं है। करोंद से भानपुर रोड, डीआईजी बंगला रोड से करोंद तक 70त्न एलईडी खराब हैं। कोलार में कटियार मार्केट, राजहर्ष, बंजारी से गेहूंखेड़ा और अंदरूनी गलियों में लाइट्स बंद हंै।

जिम्मेदारों को नहीं पता सिस्टम की खराबी

महापौर आलोक शर्मा का कहना है कि अंधेरे क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट लगाने व बंद लाइट्स चालू कराने मुहिम शुरू की थी। अब क्या स्थिति है, दिखवा लेते हैं। स्मार्ट सिटी सीईओ दीपक ङ्क्षसह का कहना है कि तय समय पर शिकायत निवारण के लिए टीम है। हाइटेक मॉनीटरिंग सिस्टम है, पड़ताल करा लेते हैं। निगम अपर आयुक्त रणवीर सिंह का कहना है कि शिकायत दूर कराते हैं। फिर से इसकी समीक्षा करेंगे।

 

 

रहवासी पूछ रहे हैं शिकायत का हुआ क्या

कोलार राजहर्ष कॉलोनी निवासी अवनीश कुमार का कहना है कि घर के सामने स्ट्रीट लाइट के लिए पांच बार शिकायत कर चुके हैं। एक माह से अधिक समय से शिकायत कागजों में हंै कोई आया नहीं।

कटारा निवासी रमेश सिंह का कहना है कि सीएम हेल्पलाइन से लेकर निगम के कॉल सेंटर तक शिकयत की। चार दिन बाद फोन आया, लेकिन 15 दिन से अधिक हो गए, लाइट अब तक बंद है।

ओल्ड सुभाष नगर में स्मार्ट सिटी की एलईडी लाइट को चालू कराने 9 सितंबर को शिकायत की थी। कॉल सेंटर से कर्मचारी का मोबाइल नंबर 9424499800 दिया गया। 16 सितंबर तक इस नंबर को रखने वाले कर्मचारी को शिकायत की जानकारी नहीं थी।

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एकीकृत एजेंसी का सिस्टम देगा जनता को राहत

रिटायर्ड अपर कलेक्टर एसएस वर्मा का कहना है कि स्ट्रीट लाइट का काम एकीकृत एजेंसी को देना चाहिए। एकीकृत कॉल सेंटर हो। शहर के किसी भी क्षेत्र, कोने में कोई भी स्ट्रीट लाइट हो, कॉल के 24 घंटे में उसे एक ही एजेंसी दुरुस्त करे तब जनता को लाभ मिलेगा।

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