ऑफिस : मॉडल स्कूल, बिटिया का नाम : डॉ. साक्षी शर्मा, मां का नाम : रेखा शर्मा (प्रिंसीपल- मॉडल स्कूल) बिटिया – न जाने कैसे मम्मी इतनी जिम्मेदारियों को सहजता से पूरा कर लेती हैं। मैंने उन्हीं से प्रेरित होकर अपना लक्ष्य हासिल किया है। मां की लगन को सलाम है। यह बहुत अच्छी पहल है ऑफिस : बीसीएलएल, बिटिया का नाम : वाणी सोनी मां का नाम : अंकिता सोनी (कोऑर्डिनेटर) बेटियों की तरक्की के रास्ते खोलती पत्रिका की ये पहल सराहनीय है। मेरी बेटी भी ऑफिस आई। उसने खूब मस्ती की और कंप्यूटर को लेकर कई सवाल भी किए। मैंने उसे जानकारी दी। मैंने पूरी प्रक्रिया बताई ऑफिस : बीसीएलएल बिटिया का नाम : काव्या अग्रवाल पिता: दीपक अग्रवाल (कोऑर्डिनेटर) मैंने अपनी सीट पर बिठाकर बेटी को पूरी प्रक्रिया ऐसे बताने की कोशिश की, जो उसे आसानी से समझ आ सके। उसने कई सवाल भी किए, जिसके जवाब दिए। ये सब एक दिन में लिखती हैं? प्रतिष्ठान : भवंस भारती स्कूल बिटिया का नाम : अनिका रावत मां का नाम : हिना रावत (संचालक-भवंस भारती स्कूल) बेटी ने जब मेरे काम को समझा तो वह हैरान रह गई और पूछा कि क्या इतना कुछ आप एक दिन में लिखती हैं? उसके इस सवाल पर मुझे हंसी आ गई। डॉक्टर बनना चाहती है… सवाल भी खूब करती है बिटिया का नाम : जिनांशी जैन पिता का नाम : राहुल जैन (डायरेक्टर, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) बेटी जिनांशी को ऑफिस लेकर आया। उसने मेरी जिम्मेदारियों को लेकर कई सवाल किए। ये एक अद्भुद अनुभव है। वह डॉक्टर बनना चाहती है। उसकी जिज्ञासाओं को देखकर भरोसा है कि वह अपने लक्ष्य को जरूर हासिल करेगी। समझाया सुरक्षा भी जनसेवा है ऑफिस : कोलार थाना बिटिया का नाम : भावना वाजपेयी पिता का नाम : अनिल वाजपेयी (टीआई- कोलार थाना) समाज की सुरक्षा पुलिस की जिम्मेदारी है। बेटी को समझाया कि कैसे इसे अंजाम दिया जाता है। उसने हर बात ध्यान से सुनी और कई सवाल भी किए। सोशल मीडिया को समझा बिटिया का नाम : प्रतीक्षा पाराशर पिता का नाम : लोकेंद्र पाराशर (प्रदेश मीडिया प्रभारी भाजपा) बेटियां माता-पिता के ज्यादा करीब होती हैं। मेरी बेटी मुझसे अक्सर राजनीतिक मामलों पर चर्चा करती है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी वह अपडेट रहती है। जरूरत पडऩे पर हम एक-दूसरे की मदद भी करते हैं। ऑफिस: पुलिस मुख्यालय, भोपाल बिटिया का नाम : आशी पिता का नाम : आशुतोष प्रताप सिंह (प्रभारी आईजी) पूरी दुनिया पर सवाल किए, मस्ती भी की ऑफिस में बेटी आशी को ले आना गजब अनुभव रहा। जिस जगह तमाम जिम्मेदारियां रहती हैं, वहां उसके साथ बिताए हर पल बेहद खुशनुमा रहे। उसने ग्लोब पर पूरी दुनिया को लेकर सवाल किए और मस्ती भी।
ऑफिस : मॉडल स्कूल, बिटिया का नाम : डॉ. साक्षी शर्मा, मां का नाम : रेखा शर्मा (प्रिंसीपल- मॉडल स्कूल) बिटिया – न जाने कैसे मम्मी इतनी जिम्मेदारियों को सहजता से पूरा कर लेती हैं। मैंने उन्हीं से प्रेरित होकर अपना लक्ष्य हासिल किया है। मां की लगन को सलाम है। यह बहुत अच्छी पहल है ऑफिस : बीसीएलएल, बिटिया का नाम : वाणी सोनी मां का नाम : अंकिता सोनी (कोऑर्डिनेटर) बेटियों की तरक्की के रास्ते खोलती पत्रिका की ये पहल सराहनीय है। मेरी बेटी भी ऑफिस आई। उसने खूब मस्ती की और कंप्यूटर को लेकर कई सवाल भी किए। मैंने उसे जानकारी दी। मैंने पूरी प्रक्रिया बताई ऑफिस : बीसीएलएल बिटिया का नाम : काव्या अग्रवाल पिता: दीपक अग्रवाल (कोऑर्डिनेटर) मैंने अपनी सीट पर बिठाकर बेटी को पूरी प्रक्रिया ऐसे बताने की कोशिश की, जो उसे आसानी से समझ आ सके। उसने कई सवाल भी किए, जिसके जवाब दिए। ये सब एक दिन में लिखती हैं? प्रतिष्ठान : भवंस भारती स्कूल बिटिया का नाम : अनिका रावत मां का नाम : हिना रावत (संचालक-भवंस भारती स्कूल) बेटी ने जब मेरे काम को समझा तो वह हैरान रह गई और पूछा कि क्या इतना कुछ आप एक दिन में लिखती हैं? उसके इस सवाल पर मुझे हंसी आ गई। डॉक्टर बनना चाहती है… सवाल भी खूब करती है बिटिया का नाम : जिनांशी जैन पिता का नाम : राहुल जैन (डायरेक्टर, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) बेटी जिनांशी को ऑफिस लेकर आया। उसने मेरी जिम्मेदारियों को लेकर कई सवाल किए। ये एक अद्भुद अनुभव है। वह डॉक्टर बनना चाहती है। उसकी जिज्ञासाओं को देखकर भरोसा है कि वह अपने लक्ष्य को जरूर हासिल करेगी। समझाया सुरक्षा भी जनसेवा है ऑफिस : कोलार थाना बिटिया का नाम : भावना वाजपेयी पिता का नाम : अनिल वाजपेयी (टीआई- कोलार थाना) समाज की सुरक्षा पुलिस की जिम्मेदारी है। बेटी को समझाया कि कैसे इसे अंजाम दिया जाता है। उसने हर बात ध्यान से सुनी और कई सवाल भी किए। सोशल मीडिया को समझा बिटिया का नाम : प्रतीक्षा पाराशर पिता का नाम : लोकेंद्र पाराशर (प्रदेश मीडिया प्रभारी भाजपा) बेटियां माता-पिता के ज्यादा करीब होती हैं। मेरी बेटी मुझसे अक्सर राजनीतिक मामलों पर चर्चा करती है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी वह अपडेट रहती है। जरूरत पडऩे पर हम एक-दूसरे की मदद भी करते हैं। ऑफिस: पुलिस मुख्यालय, भोपाल बिटिया का नाम : आशी पिता का नाम : आशुतोष प्रताप सिंह (प्रभारी आईजी) पूरी दुनिया पर सवाल किए, मस्ती भी की ऑफिस में बेटी आशी को ले आना गजब अनुभव रहा। जिस जगह तमाम जिम्मेदारियां रहती हैं, वहां उसके साथ बिताए हर पल बेहद खुशनुमा रहे। उसने ग्लोब पर पूरी दुनिया को लेकर सवाल किए और मस्ती भी।