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पैर और बैंच में दो ताले लगे थे। दोनों बच्चों को अशोका गार्डन थाने लाया गया। यहां बच्चों ने बताया कि परिजन उन्हें दो महीने पहले जकारिया मदरसा में छोड़ गए थे। ये दोनों बच्चे मौसेरे भाई हैं। मदरसा संचालक मोहम्मद साद उन्हें प्रताडि़त करता है। इससे तंग आकर वे भाग गए थे। पुलिस ने दोनों बच्चों को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया है। चाइल्ड लाइन की अनिता मिश्रा की शिकायत पर 32 वर्षीय मुफ्ती मो. साद, निवासी मयूर विहार और 19 वर्षीय हाफिज सलमान निवासी रायसेन को गिरफ्तार किया है।
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222 बच्चों वाले मदरसे का नहीं है रजिस्ट्रेशन
शुरुआती जांच में सामने आया है कि मोहम्मद साद ने सालभर पहले ही मदरसा शुरू किया है। इसमें 222 बच्चे तालीम ले रहे थे। इनमें से 22 बच्चे मदरसे में ही रहते थे। बताया जा रहा है कि मदरसे में रहने वाले बच्चों को इसी तरह जंजीरों से बांधकर रखा जाता था, ताकि ये भाग न सकें। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि मदरसे में रहने वाले बच्चों को किन-किन तरीकों से प्रताडि़त किया जाता था।
पैर में बंधी थी बैंच, बमुश्किल दो किमी ही चल पाए
बच्चों ने बताया कि वह रविवार तडक़े मदरसे से निकल गए थे। सात वर्षीय बच्चा बड़े भाई के पैर में जंजीर से बंधी बैंच को उठाकर चलता रहा। रास्ते में जब वह थक जाता तो बड़ा भाई बैंच को घसीटते हुए भी चला। इससे दोनों बमुश्किल दो किमी की दूरी तय कर पाए और प्रभात चौराहे के पास दुकान के नीचे सो गए।
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इधर, मुफ्ती को छोडऩे का दबाव बनाता रहा पीडि़त बच्चे का पिता
घटना की जानकारी लगने के बाद पुलिस मदरसा संचालक मोहम्मद साद को थाने लेकर पहुंची। इसी बीच 10 वर्षीय बच्चे के माता-पिता भी थाने पहुंच गए। यहां बच्चे का पिता पुलिस पर दबाव बनाता रहा कि मुफ्ती को छोड़ दिया जाए। उसका कहना था कि बच्चे मदरसा से भाग जाते हैं, इसलिए इन्हें जंजीर से बांधकर रखा जाता है। दस साल का बच्चा माता-पिता के साथ सोनागिरी क्षेत्र में रहता है, जबकि सात साल का बच्चा भितरवार, ग्वालियर का रहने वाला है और भोपाल में सोनागिरी में मौसी के घर रह रहा था।
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मदरसे की सर्चिंग की जाएगी। यहां रहने वाले अन्य बच्चों के बयान दर्ज किए जाएंगे। इससे हकीकत सामने आ सके।
– उमेश यादव, टीआई, अशोका गार्डन
जेजे एक्ट के तहत कार्रवाई की होगी अनुशंसा
अशोका गार्डन के मदरसे में दीनी तालीम के नाम पर दो बच्चों को जंजीर से बांधकर रखने के मामले में बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है। सोमवार को मदरसे का पंजीयन, बच्चों के साथ किए गए दुव्र्यवहार एवं प्रशासनिक, स्कूल शिक्षा विभाग व मदरसा बोर्ड की लापरवाही समेत अन्य बिन्दुओं पर जांच की जाएगी। आयोग इस मामले में जेजे एक्ट की धारा 75 के तहत कार्रवाई करने के लिए डीआईजी इरशाद वली को अनुशंसा करेगा। इस एक्ट में 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान है। बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने कहा कि बच्चों को जंजीर से बांधकर रखना अमानवीय कृत्य है।