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भोपाल

ब्लॉकचेन तकनीक से बैंकिंग सिस्टम में ग्राहक की पहचान की रखी जा सकती है सुरक्षित

आरजीपीवी में ब्लॉकचेन पर पांच दिवसीय एफडीपी का आयोजन

भोपालApr 03, 2019 / 09:31 am

hitesh sharma

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ब्लॉकचेन तकनीक से बैंकिंग सिस्टम में ग्राहक की पहचान की रखी जा सकती है सुरक्षित

भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एआईसीटीई की अटल एआईसीटीई टीचर एंड लर्निंग प्रोग्राम योजना के अंतर्गत यूआईटी आरजीपीवी के डिपार्टमेंट ऑफ कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के द्वारा ब्लॉकचेन विषय पर पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम शुरू हुआ। प्रशिक्षण 6 अप्रैल तक चलेगा। अतिथि वक्ता के रूप में डॉ. नेमिनाथ हुब्बली और डॉ. बोधिस्तव मजूमदार मौजूद थे।
डॉ. नेमिनाथ हुब्बली ने पब्लिक और प्राइवेट ब्लॉकचेन विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि बैंकिंग सेक्टर में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी बड़ा बदलाव ला सकती हैं क्योंकि बैंक के लिए ग्राहक की पहचान सुरक्षित रखना और लोकास्ट पर काम करना महत्वपूर्ण हैं। ब्लॉकचेन डाटा बैस होता है, जिसमें कई प्रकार के रिकॉर्ड संधारित किए जाते हैं जिन्हें ब्लॉक कहते हैं। इसमें प्रत्येक ब्लॉक अपने पूर्व के ब्लॉक से लिंक रहता हैं इस तकनीक में हजारों कम्प्यूटर इन्क्रीप्टेड अथवा गुप्त रूप से डाटा सुरक्षित रहता है। जिसे पब्लिक लेजर भी कहते हैं। इसे हैक करने के लिए हजारों कंप्यूटर पर एक साथ साइबर अटैक करना होता हैं जो नामुमकिन हैं। हैश किसी बड़े डाटा का एक छोटा प्रतिनिधित्व होता है। इसलिए इसे डाइजेस्ट भी कहते है। हैकर केवल पासवर्ड के हैश को देख सकता हैं किन्तु वह इसके प्रयोग से लॉगऑन नहीं कर सकता और न ही पासवर्ड निकाल सकता है।
बैंकिंग सेक्टर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण

प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि आज बिटकॉइन और ब्लॉकचेन इन दो विषयों पर बहुत अधिक चर्चा हो रही हैं। क्योंकि बैंकिंग सेक्टर और अन्य क्षेत्रों के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस तकनीक की विशेषता और प्रभावों से स्टूडेंट्स तथा समाज को अवगत कराया जाना अत्यंत आवश्यक हैं क्योंकि आने वाले समय में करेंसी और बैंकिंग प्रक्रिया यह दोनों लगभग समाप्त हो जाएंगे। ऐसे स्थिति में ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से बिचौलिया व्यवस्था से हटकर संबंधित पक्ष को सीधे भुगतान होगा। यह भुगतान डिजिटल स्वरुप में होगा।
ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर तकनीक

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. सीएस वर्मा ने कहा कि एआईसीटीई तकनीकी से संबंधित ज्वलंत विषयों पर समाज की अवेयरनेस बढ़ाने के लिए विषय विशेषज्ञों को एकत्रित कर पूल बनाकर शिक्षकों को प्रशिक्षित कर रही हैं। डॉ. सुदीप तंवर ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बेसिक पहलुओं से अवगत करते हुए कहा कि कहा कि ब्लॉकचेन तकनीक एक प्लेटफॉर्म हैं, जहां न सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्कि किसी भी कंटेंट को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता हैं यानि ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर हैं यह पूर्ण रूप से सुरक्षित तकनीक हैं। उन्होंने कहा की ब्लॉकचेन बिटकॉइन से बिलकुल भिन्न है क्योकि बिटकॉइन एक डिजिटल माध्यम हैं जिसके द्वारा हम वस्तुओं का क्रय-विक्रय करते हैं। इसे करेंसी नहीं कहा जा सकता क्योंकि रियल वल्र्ड में इसकी कोई वैल्यू नहीं हैं।

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