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भोपाल में स्वच्छता के नाम पर गंदगी छिपाने का प्रयास

पर्दे के पीछे कचरा, मलबा, वेस्ट पड़ा हुआ, फैल रही गंदगी…

भोपालFeb 13, 2019 / 10:29 am

दिनेश भदौरिया

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भोपाल में स्वच्छता के नाम पर गंदगी छिपाने का प्रयास

भोपाल. देश की स्वच्छता रैंकिंग में प्रथम पायदान पाने के लिए बेताव नगर निगम के अफसरों ने नया तरीका ईजाद किया है। जमीनी स्तर पर कचरा, मलबा हटाने में नाकामयाब नगर निगम अमला अब नालों और गंदगी को हरे रंग का प्लास्टिक नेट लगाकर छिपाने का प्रयास किया जा रहा है। नगर निगम अमला शहर को वास्तव में स्वच्छ बनाने के स्थान पर स्वच्छ दिखाने का प्रयास कर रहा है। सूत्रों की मानें तो यह सब केन्द्र की स्वच्छता सर्वेक्षण टीम को दिखाने के लिए किया गया।
सीन-1 टिन शेड
स्मार्ट सिटी में शानदार बुलेवार्ड स्ट्रीट बनाई जा रही है। इस बुलेवार्ड स्ट्रीट के आसपास का माहौल गंदगी का पर्याय है। टीटी नगर स्टेडियम के पीछे टिन शेड और मेन रोड के बीच खुदाई करके लंबे समय से छोड़ दिया गया है। यहां गंदा पानी भरा हुआ है, जिसमें मच्छर-मक्खी समेत तमाम कीड़े बजबजाने लगे हैं। बदबू के मारे आसपास खड़ा नहीं हुआ जाता है। कीचड़, मलबा और गंदगी के इस आलम को स्वच्छता सर्वेक्षण टीम से बचाने के लिए यहां टिन की चद्दरों को लगाकर छिपाया गया है, जिससे अंदर का दृश्य किसी को दिखाई न दे।
सीन-2 प्रभात चौराहा
अशोका गार्डन स्थित प्रभात चौराहे पर भी इसी तरह का प्रयास किया गया है। यहां बड़ा नाला है। इस नाले में स्लॉटर हाउस का वेस्ट प्रवाहित होता है, जिससे भीषण गंदगी और बदबू का आलम फैला रहता है। कुछ लोग तो दिन में शौच तक करते हैं। ठेल और गुमठी वालों के चलते यहां दिनभर कचरा फेंका जाता है। यहां कुछ व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का कचरा भी गैर जिम्मेदाराना तरीके से इधर-उधर फेंका जाता है। यहां की गंदगी को छिपाने के लिए भी ग्रीन नेट को लगाया गया है।
सीन-3 अरेरा कॉलोनी ग्रीन बेल्ट
शहर की पॉश अरेरा कॉलोनी की कई प्रमुख सड़कों की ग्रीन बेल्ट की दुर्दशा को छिपाने के लिए भी ग्रीन नेट की चादर का प्रयोग किया गया है। 1100 क्वार्टर्स वाली रोड, प्रशासन अकादमी, पर्यावरण परिसर से सावरकर सेतु जाने वाली रोड समेत कई प्रमुख सड़कों की ग्रीन बेल्ट को नेट से ढक दिया गया है। पूर्व में ग्रीन बेल्ट में सड़क निर्माण आदि का मलबा पटका गया है, तो कहीं पर फेंसिंग तोड़कर अन्य गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं। इससे ग्रीन बेल्ट की छवि खराब खराब होती है। हनुमान मंदिर के सामने ई-7 वाली ग्रीन बेल्ट में कई स्थानों पर ठेल वालों ने कचरे से पाट रखा है। इसे भी ग्रीन ने छिपाने की कोशिश की गई है।
ये है असली मामला
भोपाल नगर निगम सर्वेक्षण में रैंकिंग पाने के लिए जमीनी स्तर पर स्वच्छता को ताक पर रख देता है। नगर निगम सूत्रों की मानें तो शहर से पचास प्रतिशत कचरा उठाकर आदमपुर छावनी भेजा जा रहा है। बाकी शेष पचास प्रतिशत कचरा जलाकर नष्ट किया जा रहा है अथवा शहर में ही खाली और गहरी जगहों में डालकर भराव किया जा रहा है। इस तरह कचरा शहर में ही डंप हो रहा। इसके अलावा जलने के बाद जहरीले धुएं में तब्दील हो रहा कचरा शहर की आबोहवा दूषित कर मानव स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है।

नालों की सफाई और रखरखाव वार्षिक प्लान बनाकर कराई जाती है। बरसात के सिवा इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले भी नाले साफ कराए गए हैं। टिन शेड के पास टिन चद्दर या नाले पर नेट सुरक्षा के लिहाज से भी लगाए हो सकते हैं। ग्रीन नेट से सड़क से उड़कर या सीधा फेंका गया कचरा नाले में जाने से बचेगा।
– हरीश गुप्ता, उपायुक्त, नगर निगम

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