भोपाल. विधानसभा उपचुनाव के लिए कमर कस चुकी बसपा अब भाजपा और कांग्रेस का गणित बिगाड़ेगी। इसके लिए पार्टी ने घरवापसी अभियान शुरू किया है। पार्टी छोड़कर गए नेता वापस लाने के प्रयास हैं। वहीं, पार्टी की नजर भाजपा और कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं पर भी है। वोट शेयर के मामले में बसपा ग्वालियर-चंबल अंचल में पिछले चार विधानसभा चुनावों में तीसरे नंबर पर रही है।
बसपा छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले मुरैना के राम प्रकाश राजौरिया वापस हो गए हैं। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में ये बसपा उम्मीदवार भी रहे हैं। पार्टी ऐसे ही अन्य नेताओं के संपर्क में है। उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे जिलों में बसपा का प्रभाव है, इसलिए पार्टी यहां अपनी ताकत बढ़ाना चाहती है। प्रदेश में बसपा के दो विधायक हैं। जबकि इसके पहले बसपा के चार विधायक थे। वर्ष 2008 में बसपा के सात विधायक थे। हर चुनाव में बसपा की सदस्य संख्या घटी है। पार्टी का प्रयास है कि उप चुनाव प्रभाववाली सीटों पर सफलता मिल जाए तो सदन में उसकी विधायक संख्या बढ़ेगी। मालूम हो राज्य की 24 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होना है। इसमें ग्वालियर-चंबल की सबसे ज्यादा 16 सीटें शामिल हैं। यहां बसपा का अच्छा खासा प्रभाव है।
– झटके से उबरने का प्रयास
कमलनाथ सरकार में सरकार को समर्थन देती रही बसपा को कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के पहले फूल सिंह बरैया को पार्टी में शामिल कर झटका दिया था। बरैया बसपा का बड़ा चेहरा थे, कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा उम्मीदवार बनाया था। बसपा उम्मीदवार रहीं सत्य प्रकाशी परसेडिय़ा भी बसपा का साथ छोड़ चुकी हैं। ये विधानसभा चुनाव में बसपा की उम्मीदवार रही हंै। इसी प्रकार बसपा छोड़कर गए पूर्व विधायक सत्यप्रकाश सखवार और उषा चतुर्वेदी की वापसी अभी तक नहीं हो पाई है।
– विधायकों ने बढ़ाया टेंशन
इधर, बसपा का उसके अपने विधायकों ने टेंशन बढ़ा दिया है। बसपा विधायक अब भाजपा के साथ खड़े हैं। राज्यसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया था, जबकि तीन माह पहले तक यही बसपा विधायक कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे थे। इसके बाद से बसपा ने चुप्पी साध ली है। लेकिन उसे इस बात को लेकर चिंता है चुनाव के दौरान यदि ऐसा हुआ तो फिर क्या होगा। हालांकि, बसपा ने उपचुनाव के लिए क्षेत्र का सर्वे कर पार्टी प्रमुख मायावती को रिपोर्ट भी भेज दी है।
– निलंबित है एक विधायक
पथरिया से बसपा विधायक रामबाई सिंह को पार्टी की गाइडलाइन के खिलाफ काम करने के कारण पहले ही निलंबित किया जा चुका है। इनके निलंबन वापसी के बारे में पार्टी ने अभी तक कोई निर्णय नहीं किया है। दूसरे विधायक भिंड से संजीव सिंह हैं। इन दोनों विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा का खुलकर साथ दिया। यहां तक भाजपा विधायक दल की बैठक में भी शामिल हुए।
पार्टी सभी 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लडऩे का ऐलान कर चुकी है। इसी को लेकर पार्टी तैयारी कर रही है। राज्यसभा चुनाव से विधानसभा में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
– रामजी गौतम, प्रदेश प्रभारी, बसपा