कमलनाथ के फैसले पर मंत्री ने उठाए सवाल
दरअसल, कुछ दिन पहले राज्य सरकार की ओर से एक विज्ञप्ति जारी की गई, जिसके माध्य से कहा गया कि, कमलनाथ मंत्रिमंडल के सिर्फ सात मंत्रियों को ही मीडिया से बात करने की इजाज़त होगी। इसके अलावा मंत्रीमंडल के अन्य सदस्य किसी मीडिया कर्मी से बात करके सरकार द्वारा लिये गए निर्णय की जानकारी देंगे। सरकार के इस फैसले के बाद मंत्रीमंडल में सुगबुगाहट शुरु हो गई, लेकिन ये सुगबुगाहट सामने आई प्रदेश के राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के ज़रिये। मंत्री राजपूत ने कमलनाथ के इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं।
मंत्री ने जताई आपत्ति
सरकारी आदेश पर सवाल उठाते हुए राजपूत ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि, ‘जिस किसी को अनुभव है या विभाग की जानकारी है, उसे मीडिया से बातचीत करने में किसी को क्या आपत्ति है।’ राजपूत ने बयान में ये भी कहा कि, ‘जब मीडिया सवाल पूछेगा और विभागीय बातों के बारे में सवाल करेगा तो फिर सवालों का जवाब देना मंत्री की मजबूरी होगी।’ इससे साफ है कि, मंत्री को सरकार द्वारा लिये गए फैसले पर ऐतराज़ है।
बड़ा राजनीतिक कद रखते हैं राजपूत
बता दें कि, गोविंद सिंह राजपूत ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के तेजतर्रार मंत्री माने जाते हैं। इन्हें अच्छा खासा राजनीतिक अनुभव भी है। राजपूत मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य रह चुके हैं। वो साल 2002 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव भी बनाए जा चुके हैं। उन्होंने साल 1996 में जापान यात्रा भी की है। 2003 में बारहवीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित कांग्रेस विधायक दल के सचेतक और प्राक्कलन, याचिका एवं सरकारी उपक्रम समिति के सदस्य बने। इसके बाद साल 2008 में दूसरी बार विधानसभा चुनाव जीते और 2018 में तीसरी बार सागर की सुरखी विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए। इस दौरान राजपूत ने कांग्रेस के सत्ता में आने पर 25 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रीमंडल में शामिल होकर मंत्री पद की शपथ ली। यानि राजपूत प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की श्रेणी में भी आते हैं और अगर इन्हें सीएम कमलनाथ का सात मंत्रियों को मीडिया से बातचीत करने देने के निर्णय पर आपत्ति है, तो ये भी संभव है कि, मंत्रियों में कहीं ना कहीं इस फैसले का विरोध ज़रूर है।