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केंद्रीय जांच ब्यूरो ने भारतीय खाद्य निगम के भोपाल मंडल कार्यालय में पदस्थ एक सहायक ग्रेड 1 कर्मचारी किशोर मीना के खिलाफ अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के मामले में प्रकरण दर्ज कर मंगलवार को 13 ठिकानों पर छापे मारे हैं। सीबीआई की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आरोपी कर्मचारी के खिलाफ दिसंबर 2016 से 29 मई 2021 की अवधि के दौरान 2,93,03,396 रुपयों की अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोप में प्रकरण दर्ज किया गया है। इसके बाद भोपाल विदिशा, खंडवा, झाबुआ, नरसिंहपुर, जबलपुर नांदेड़ और जलगांव में स्थित 13 ठिकानों पर भी छापे मारे हैं। यह कार्रवाई एक साथ की गई है। यह ठिकाने ठेकेदारों और निजी लोगों से संबंधित है, हालांकि देर शाम तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि छापे के दौरान क्या-क्या मिला।
एक सप्ताह पहले ही सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया (fci) के भोपाल स्थित कार्यालय के डिविजनल मैनेजर समेत चार साथियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक क्लर्क को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। इसी मामले में गिरफ्तार अफसरों और कर्मचारियों से पूछताछ के बाद यह कार्रवाई आगे बढ़ाई गई है।
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यह गुरुग्राम की एक सुरक्षा एजेंसी से एक लाख रुपए की रिश्वत लेने भोपाल के माता मंदिर पर आया था। तभी यहां सीबीआई ने जाल बिछाकर क्लर्क को पकड़ा था। क्लर्क ने यह पैसा डिविजनल मैनेजर का बताया था। इसके बाद क्लर्क समेत तीन बड़े मैनेजर के घर पर भी छापेमार कार्रवाई की गई थी। इस कार्रवाई में एक आरोपी के घर से ढाई करोड़ से अधिक नकद मिले थे। उसने भी यह पैसा डिविजनल मैनेजर का बताया था।
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6 ठिकानों पर भी मारे थे छापे
इसके बाद 2 जून 2021 को भोपाल की सीबीआई टीम ने गुजरात की तेल कंपनियों के 6 ठिकानों पर छापा मारा था। टीम ने 679 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में यह छापे मारे थे। यह छापे अहमदाबाद और मेहसाणा में मारे थे।
3700 करोड़ की धोखाधड़ी उजागर
इससे पहले मध्यप्रदेश में 3700 करोड़ रुपए की बैंकिंग धोखाधड़ी भी उजागर की गई थी। करीब दो माह पहले भोपाल में दो ठिकाने और निवाड़ी जिले के एक ठिकाने पर यह छापा मारा गया था। भोपाल में दो बैंकों में 200 करोड़ का फर्जीवाड़ा उजागर किया था। भोपाल में ज्योति पावर कार्पोरेशन लिमिटेड की ओर से 196 करोड़ के फर्जी लोन के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। यह लोन बैंक आफ बड़ौदा से लिया गया था। इसके अलावा इंडियन ओवरसीज बैंक से भी फर्जी तरीके से लोन लेने का मामला उजागर हुआ था।