इसी के साथ छिंदवाड़ा में कमलनाथ और उनके परिवार का पिछले 44 सालों से चला आ रहा वर्चस्व समाप्त हो गया। इस दौरान बीजेपी केवल एक बार उपचुनाव में जीत सकी थी। तब पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा ने नाथ परिवार से यह सीट छीनी थी। विवेक बंटी साहू को यह जीत यूं ही नहीं मिल गई बल्कि वे इसके लिए करीब 10 साल से लगातार संघर्ष कर रहे थे।
इन दिक्कतों से पाया पार
- 2018 में मुख्यमंत्री बनने पर कमलनाथ ने छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। सीएम रहते हुए उनका विधानसभा का चुनाव जीतना लगभग तय था पर विवेक बंटी साहू उनके खिलाफ उतरने में जरा नहीं हिचकिचाए। कमलनाथ को उसी चुनाव में उन्होंने कड़ी टक्कर दी।
- प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव यानि 2023 में फिर एक बार कमलनाथ के सामने खड़े हुए। कांग्रेस के इस दिग्गज का मुकाबला किया हालांकि फिर हार गए।
- कमलनाथ के गढ़ में उन्हें दो बार चुनौती देने के बाद छिंदवाड़ा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने का दावा ठोंका। प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व यहां किसी बड़े नेता को चुनावी मैदान में उतारना चाहता था लेकिन विवेक बंटी साहू के जुझारू तेवर देखकर आखिरकार पार्टी ने उन्हीं पर दांव लगाया।
- इसी बीच छिंदवाड़ा बीजेपी के वरिष्ठ नेता चंद्रभान सिंह से विवाद हो गया। बीजेपी के इन दो बड़े नेताओं का झगड़ा पार्टी की चौखट लांघकर पुलिस तक जा पहुंचा था।
- लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने विवेक बंटी साहू की एक अश्लील वीडियो क्लिप वायरल कराने की कोशिश की। बीजेपी उम्मीदवार को समय रहते इसकी भनक लग गई और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी थी।