बीजेपी ने अब पिता-पुत्र दोनों का प्रभाव कम करने की रणनीति बनाई है। इसके अंतर्गत जहां बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को जुबानी प्रहार का जिम्मा दिया गया है वहीं सीएम मोहन यादव, दिग्विजय के गढ़ में ही जाकर उन्हें चुनौती देंगे।
सीएम यादव, एक तीर से दो निशाने साधने के प्लान पर काम कर रहे हैं। बीजेपी जहां दिग्विजय को मात देकर इस बार भी राजगढ़ लोकसभा पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती है वहीं राघौगढ़ इलाके में उनके पुत्र जयवर्धन Jaivardhan का वर्चस्व भी खत्म करना चाहती है। इसके लिए सीएम यादव राजगढ़, राघौगढ़ का लगातार दौरा करेंगे। मंगलवार से ही यह काम शुरु हो रहा है।
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राजगढ़ लोकसभा सीट में गुना जिले की दो विधानसभाएं शामिल हैं। यहां की राघोगढ़ और चांचौड़ा विधानसभा सीटें राजगढ़ में ही आती हैं। मंगलवार को सीएम राजगढ़ लोकसभा के अंतर्गत आनेवाली चांचौड़ा विधानसभा के बीनागंज में जा रहे हैं। यहां वे अनेक कार्यक्रमों में शामिल होंगे। वे चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठक भी लेंगे।
सीएम का कार्यक्रम मंडी प्रांगण में आयोजित किया गया है। यहां वे नारी शक्ति वंदन कार्यक्रम में शामिल होंगे और इसके बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव की तैयारियों के संबंध में बातचीत करेंगे। दोपहर करीब ढाई बजे मंडी प्रांगण के कार्यक्रम में शामिल होंगे, इसके बाद कार्यकर्ताओं की मीटिंग में जाएंगे और चुनावी तैयारियों पर चर्चा करेंगे।
गौरतलब है कि करीब 34 साल बाद राजगढ़ से लोकसभा का चुनाव Lok sabha chunav लड़ रहे दिग्विजय सिंह यहां से दो बार सांसद रह चुके हैं। उनके छोटे भाई लक्ष्मणसिंह भी यहां से सांसद रह चुके हैं वहीं राघोगढ़ से उनके पुत्र जयवर्धन सिंह विधायक हैं। बीजेपी हर हाल में इस क्षेत्र से दिग्विजयसिंह के परिवार का वर्चस्व समाप्त करना चाहती है। इसलिए पार्टी अब राजगढ़ पर फोकस कर रही है।
बीजेपी के प्रत्याशी रोडमल नागर भी यहां से लगातार दो बार के सांसद हैं। वे 2014 और 2019 में यहां से खासे अंतर से चुनाव जीत चुके हैं। इसी कारण तीसरी बार भी पार्टी ने उन्हीं पर भरोसा जताया है लेकिन उनके सामने दिग्विजय सिंह के उतरने से चुनौती कुछ कठिन हो गई है।