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कॉलेज छात्रों के लिये अच्छी खबर : अब पेड़ लगाने पर मिलेंगे परीक्षा में नंबर

नई व्यवस्था के तहत अब कॉलेज छात्रों को अपने शेक्षणिक सत्र के दौरान एक पौधा लगाना जरूरी होगा। इस पौधारोपण के नंबर परीक्षा में जोड़े जाएंगे।

भोपालSep 24, 2021 / 10:22 am

Faiz

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कॉलेज छात्रों के लिये अच्छी खबर : अब पेड़ लगाने पर मिलेंगे परीक्षा में नंबर

भोपाल. मध्य प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में युवाओं में जागरूकता लाने के लिये उच्च शिक्षा विभाग द्वारा एक अहम पहल की जा रही है। नई व्यवस्था के तहत अब कॉलेज छात्रों को अपने शेक्षणिक सत्र के दौरान एक पौधा लगाना जरूरी होगा। इस पौधारोपण के नंबर परीक्षा में जोड़े जाएंगे। नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा विभाग ने इस व्यवस्था को छात्रों के लिये शुरु करने का फैसला लिया है।

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के अनुसार, युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिये पहल स्वरूप इस व्यवस्था को शुरु करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेशभर के सभी कॉलेजों में अब छात्र-छात्राओं को एक अनिवार्य रूप से पेड़ लगाना होगा। इसके लिये पूरी प्रक्रिया तैयार की जा रही है। इसी प्रक्रिया के तहत छात्राें को पेड़ लगाने सारी जानकारी कॉलेज प्रबंधन को देनी होगी। इसके अलावा, मंत्री यादव ने बताया कि, पेड़ के रखरखाव के नंबर भी छात्रों की परीक्षा में जोड़े जाएंगे।

 

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पेड़ लगाने पर ही मिलेगी डिग्री या डिप्लोमा

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पर्यावरण को बचाने के क्षेत्र में युवाओं के योगदान के रूप में इस व्यवस्था को आंका जाएगा। छात्रों के इस योगदान के बाद ही उच्च शिक्षा विभाग द्वारा उन्हें डिग्री या डिप्लोमा दिया जाएगा। नए शिक्षा सत्र से पेड़ लगाने की योजना छात्र छात्राओं के लिए कॉलेजों में लागू की जाएगी। पेड़ ना लगाने पर,पेड़ों की सही देखभाल न करने पर छात्र छात्राओं के मार्क्स भी काटने की तैयारी की जा रही है।

 

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कम से कम एक गांव को गोद लेगा विश्वविद्यालय और महाविद्यालय

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के तहत अब से प्रदेशभर के सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय को कम से कम एक गांव को गोद लेना अनिवार्य होगा। अब तक करीब 1000 गांवों को गोद लिया जा चुका है। गांवों को गोद लेने से स्टूडेंट्स में न सिर्फ समाज सेवा की भावना जागेगी, बल्कि पर्यावरण के बारे में अधिक चीजें जानने का मौका भी मिलेगा। इसके साथ-साथ शहरी इलाकों में रहे वाले युवा ग्रामीण परिवेश और वहां की जीवन शैली को भी समझ सकेंगे। गांव को गोद लेने वाली संस्था गांव में छात्रों के माध्यम से स्वास्थ्य शिक्षा पर्यावरण स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान भी चलाएगी। शासकीय योजनाओं की जानकारी युवा ग्रामीणों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगे।

 

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