पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जो विपक्ष में बैठकर बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर लंबे-चौड़े भाषण देकर धरने देते थे, वो आज इन घटनाओं पर मौन हैं। पता नहीं कब नींद से जागेगी सरकार और बहन-बेटियों को सुरक्षा प्रदान करने को लेकर कड़े कदम उठायेगी? ज़हरीली शराब की तरह ही बहन-बेटियों से दरिंदगी की घटनाओं पर ज़िम्मेदार अधिकारियों की ज़िम्मेदारी तय हो।
देश में मप्र का अपराधों में रिकॉर्ड, गांव में राशन नहीं, पर मिलती है जहरीली शराब – कमलनाथ
कांग्रेस बोली शवराज चरम पर
कांग्रेस कमेटी ने भी इस संबंध में ट्वीट किया है। कहा गया है कि प्रदेश फिर हुआ शर्मसार, बैतूल में 13 साल की मासूम से दुष्कर्म। मध्यप्रदेश के बैतूल में 13 साल की मासूम के साथ दरिंदगी और हैवानियत का मामला दर्ज हुआ है, वहीं इंदौर में भी एक युवती से गैंगरेप हुआ है। शिवराज जी, बेटियों की चीख़ आप क्यों नहीं सुनते..? “शवराज चरम पर है”
राशन नहीं जहरीली शराब मिलती हैं यहां
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट के जरिए शिवराज सरकार के लिए कहा है कि प्रदेश की शिवराज सरकार शराब प्रेमी सरकार है और शराब की दुकानें व शराब के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नित नए निर्णय लेने का काम करती रहती है। यदि प्रदेश में शराब की दुकानें बढ़ाई गईं तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी, हम सदन से लेकर सड़क तक इस जनविरोधी निर्णय का खुलकर विरोध करेंगे।
शराब के दलदल में झोंकने की तैयारी
कितना शर्मनाक है कि जो भाजपा चुनाव के पहले शराबबंदी की बात करती थी वो आज प्रदेश को शराब के दलदल में झोंकने की तैयारी कर रही है। अब जहरली शराब के नाम पर शराब दुकानों को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। मैं तो शुरू से ही कहता आया हूं कि मध्यप्रदेश मे भले ही लोगों को राशन नहीं मिले, लेकिन सरकार शराब जरूर उपलब्ध करवा रही है।
बिजली बिल पर बोले कमलनाथ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार ने लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए इंदिरा ग्रह ज्योति योजना शुरू की थी, जिसमें हमने 100 रुपए में 100 यूनिट तक बिजली प्रदान करते हुए 150 यूनिट तक खर्च वाले उपभोक्ताओं को भी इस योजना में शामिल किया था। अब शिवराज सरकार हमारी इस जनहितैषी योजना से मध्यम वर्ग के लोगों को बाहर करने की तैयारी कर रही है। शिवराज सरकार का यह निर्णय जनविरोधी है, कोरोना महामारी में पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे मध्यमवर्गीय लोगों पर इस निर्णय से बड़ी मार पड़ेगी। सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करे।