पढ़ें ये खास खबर- Corona Breaking : मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 11582, अब तक 495 ने गवाई जान
फेफड़ों से ज्यादा संवेदनशील है नाक
शोधकर्ताओं ने इस स्टडी के बाद लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए फेस मास्क या कपड़े से सिर्फ मुंह को ही नहीं, बल्कि नाक को भी अच्छे से ढंकना बेहद जरूरी है।एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना वायरस के लिए गले या फेफड़ों की तुलना में नाक में मौजूद कोशिकाओं को निशाना बनाना ज्यादा आसान होता है। नाक में जाने के महज़ चार दिनों के भीतर खुद को एक से एक करोड़ कर लेते हैं।
पढ़ें ये खास खबर- भारत-चीन विवाद : अब MP में बढ़ेगा जापानी निवेश, 70 से ज्यादा कंपनियों से हुई चर्चा
इस बात का रखें बेहद खास ध्यान
नाक में संख्या बढ़ाने के साथ ही कोरोना वायरस धीरे-धीरे यह श्वासनली के रास्ते गले और फेफड़ों में भी फैलने लगता है। शोधकर्ताओं की सलाह है कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए नाक को मास्क से अच्छे से ढंकना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही कपड़े के मास्क को समय-समय पर साफ करते रहना बेहद जरूरी है। शोधकर्ताओं ने कोरोना से संक्रमित मरीजों की नासिकाओं, श्वासनली और फेफड़ों से लिए गए नमूनों का विश्लेषण किया। साथ ही, उन्होंने स्वस्थ लोगों के इन्हीं अंगों में मौजूद ऊतकों को लैब में कोरोना के संपर्क में रखकर उन पर पड़ने वाले असर का भी अध्ययन किया।
पढ़ें ये खास खबर- विद्युत शवदाह गृह की ट्रॉली टूटने से रेक के बीच में फंसा शव, बांस से धकाकर भट्टी में फैंका
अध्यन में सामने आए ये चौंकाने वाले तथ्य
इस दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि नसिका में मौजूद ‘नेसल एपिथीलियम’ नाम की कोशिकाएं कोरोना वायरस का सबसे पहला शिकार बनती हैं। उनमें फेफड़ों की तुलना में एक हजार गुना ज्यादा वायरस ठिकाना बना सकते हैं। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने नाक में महज चार दिन के अंदर वायरस की एक करोड़ प्रतियां पाई। वहीं फेफड़ों में यह संख्या 10 हजार के करीब थी, जो कि नाक की अपेक्षा कहीं गुना कम है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच फेस मास्क का ढंग से उपयोग जरूरी है और मास्क से मुंह के साथ नाक को भी अच्छे से कवर करना चाहिए।