क्या कहते हैं आकड़े
भोपाल सायबर क्राइम के हेल्प लाइन नंबर 9479990636 पर इस साल फिर से सैकड़ों शिकायतें सायबर क्राइम की दर्ज करवाई गईं। इन शिकायतों में सामने आया है कि पहले जहां सायबर क्राइम या सायबर फ्रॉड के शिकार सबसे ज्यादा बुजुर्ग होते थे। वहीं इस साल सबसे ज्यादा सायबर फ्रॉड 18 साल से 25 साल के युवाओं को बनाया गया है। इस साल इस उम्र के करीब सैकड़ों युवाओं की शिकायत सायबर क्राइम में दर्ज की गई हैं।
बुजुर्ग कैसे बनते थे शिकार
पहले सायबर क्राइम के शिकार सबसे ज्यादा बुजुर्ग होते थे। इसका कारण था कि वे इंटरनेट फ्रेंडली नहीं थे। अवेयरनेस की कमी होने के कारण बुजुर्गों को शिकार बनाना ऐसे हैकर्स के लिए बेहद आसान होता था।
इस साल सबसे ज्यादा शिकायतें युवाओं की
इस साल सबसे सायबर क्राइम के सबसे ज्यादा शिकार युवा हुए हैं। वे भी 18 साल से 25 साल तक के युवा। इस उम्र के युवाओं के भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच में अब तक 111 मामले दर्ज करवाए गए हैं। वहीं 26-20 साल तक की उम्र के 83 युवा इसके शिकार बने हैं। तो 31-35 साल के 58, 36-40 साल के 52, 41-45 साल के 42, 46-50 साल के 20, 51-60 साल के 34 तथा 61-100 साल के 30 लोग इस साल सायबर क्राइम के शिकार हुए हैं। इनमें भी बेरोजगारों की संख्या केवल 8 है, तो सरकारी नौकरी करने वालों की संख्या 58, तो प्राइवेट जॉब करने वालों की संख्या 202 है, तो 3 किसान भी इनका शिकार हुए हैं।
जानें क्या है पीयर प्रेशर
इस मामले पर सायबर क्राइम के डीसीपी क्राइम श्रुतकीर्ति सोमवंशी का कहना है कि कोविड के दौरान युवा वर्ग का रुझान सबसे ज्यादा सोशल मीडिया पर दिखाई दिया। आज यूथ सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्टिव हैं। इसका फायदा साइबर क्रिमिनल्स ने उठाया है। वहीं 18-25 साल के युवाओं में ऑनलाइन इनकम की होड़ भी बढ़ी है। वहीं पीयर प्रेशर इसका बड़ा कारण बना। पीयर प्रेशर का अर्थ है दोस्तों की ऑनलाइन इनकम बढ़ती देखकर इस उम्र के युवा खुद भी अपनी ऑनलाइन इनकम बढ़ाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। यह सबसे बड़ा कारण है कि इस उम्र के युवा सबसे ज्यादा ठगी का शिकार हुए हैं।