विधानसभा में मंगलवार की शुरुआत हंगामे से हुई। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग रखी। विपक्ष ने इस पर चर्चा की बात कही। जब इनकी बात नहीं मानी गई तो भोपाल से कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा समेत कई विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया और कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया। विधायकपीसी शर्मा ने कहा कि पुरानी पेंशन को लेकर ध्यानाकर्षण, स्थगन, प्रश्न नहीं लिए जा रहे हैं। इसकी हम निंदा करते हैं। शर्मा का कहना था कि जब राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्यों में कांग्रेस की सरकारों ने पुरानी पेंशन बहाल कर दी है तो भाजपा की सरकारें क्यों नहीं कर रही हैं।
पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की कांग्रेस की ओर से की जा रही मांग पर भाजपा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने कहा है कि आने वाले वक्त में यह बहाल होगी। सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है।
हिजाब पर भी गर्म रही सियासत
इधर, कर्नाटक हाईकोर्ट के मंगलवार को आए फैसले पर भी विधानसभा में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि अभी हमने कोर्ट का फैसला नहीं पढ़ा है। हम सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। मसूद ने कहा कि हिजाब इस्लाम का अहम हिस्सा है।
भाजपा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने इस पर कहा कि कोर्ट के निर्णय का हम स्वागत करते हैं। यह निर्णय सही है। शिक्षण संस्थाओं में धर्म का उपयोग नहीं होना चाहिए, जो विधायक धर्म की बात करें वो खुद के निजी स्कूल खोल लें और अपना ड्रेसकोड लागू कर लें।
जब विधायक को नहीं घुसने दिया
इससे पहले विधानसभा के बजट सत्र में रतलाम (ग्रामीण) भाजपा विधायक दिलीप मकवाना अपने जिले के कार्यकर्ताओं को लेकर पहुंचे थे। सुरक्षाकर्मी उन्हें पहचान नहीं पाए और उन्हें विधानसभा परिसर में घुसने से रोक दिया गया। वे काफी देर तक गेट पर ही खड़े रहे। इसके बाद उनके समर्थकों ने वहीं पर हंगामा कर दिया। करीब एक घंटे तक बाहर ही खड़े रहे।