कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ( Lakshman Singh ) ने अपने टि्वटर हैंडल ऐसे समय में बदलाव किया है, जब पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी हाल ही में अपना स्टेटस बदला था, जिसके बाद राजनीति गर्मा गई थी। इसके साथ ही उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्वीट करके अपनी सरकार पर सवाल उठाए हैं, वहीं महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन करने पर भी इसे गलत बताया है।
अपनी ही पार्टी को घेरा
उधर, कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने अपनी ही पार्टी को घेर लिया है। उन्होंने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर अपनी ही पार्टी के बारे में कहा है कि इस प्रकार सरकार बनाने से बहुत गलत संदेश गया है।
महाराष्ट्र का राजनीतिक घटनाक्रम"हर घड़ी बदल रही है रूप "राजनीति",छांव है कभी ,कभी है धूप "राजनीति",हर पल यहां खूब "खाओ",जो है समा कल हो न हो।
— lakshman singh (@laxmanragho) November 28, 2019
दांगी के बयान पर कसा तंज
कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी ने भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के ऊपर दिए बयान पर भी विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि लगता है मिर्ची यज्ञ से प्रभावित होकर गोवर्धन दांगी ने ऐसा बयान दिया है। गोवर्धन दांघी को ऐसे बयान नहीं देना चाहिए। गौरतलब है कि दांगी ने हाल ही में कहा है कि जगह-जगह पुतले जलाए जाएंगे और साध्वी खुद आती है तो साक्षात उन्हें जला दिया जाएगा। वहीं लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भोपाल से प्रत्याशी बनाए गए थे। तभी कम्प्यूटर बाबा समेत कई साधु-संतों ने दिग्विजय सिंह के समर्थन में मिर्ची यज्ञ का आयोजन किया था। तब इस यज्ञ को दिग्विजय सिंह की जीत सुनिश्चित करने के लिए तंत्र-मंत्र क्रिया माना गया था।
भोपाल में नवीन विधायक विश्राम गृह बनाने हेतु जो सैकडों पेड़ काटे जा रहे हैं,मैं स्वयं विधायक होते हुए इसका विरोध करता हूँ।
— lakshman singh (@laxmanragho) November 28, 2019
और क्या बोले लक्ष्मण सिंह
-कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि आदिवासी इलाकों में जमीन बेचने के कैबिनेट के फैसले आदिवासियों में नाराजगी है।
-नए विधायक विश्रामगृह को लेकर भी लक्ष्मण सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा है कि 320 विधायकों के लिए पुराना विधायक विश्रामगृह है। अभी केवल 230 विधायक हैं। नए विधायक विश्रामगृह को लेकर भी जनता में आक्रोश है।
मध्य प्रदेश में आदिवासियों की भूमि का विक्रय बिना अनुमति के हो सकता है,इस कानून को बदलना होगा,आदिवासियों के हक में यह कानून इंदिराजी ने बनाया था।
— lakshman singh (@laxmanragho) November 28, 2019