शेयर बाजार में लगातार आते उछाल के बीच कई लोगों ने यहां पर निवेश किया है। शेयर मार्केट के साथ ही क्रिप्टोकरंसी के जरिए भी खरीदी बड़ी हैं। सोशल मीडिया पर कई ग्रुप तैयार कर इससे होने वाले मुनाफे की लोगों को जानकारी दी जाती है। इन ग्रुप में कई विदेशी भी हैं। इन ग्रुप के जरिए कमाई का तरीका बताया जाता है। यहां पर अधूरी जानकारी के चलते कई लोग फर्जीवाड़े का शिकार हो गए। जानकारी के मुताबिक ऑनलाइन बैंकिंग के जरिये डेबिट और क्रेडिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग के दौरान धोखाधड़ी के मामले पिछले एक साल में 34 हजार से बढ़कर 52 हजार से अधिक हो गये। इन मामलों को सुलझाने के लिए काम कर रहे उपभोक्ता संरक्षण कल्याण सेवा समिति के प्रदेश महासचिव विजय सक्सेना ने बताया राजधानी में इनका कोई कार्यालय नहीं है। जिस वजह से इनका पकड़ में आना मुश्किल होता है।
यशदीप चतुर्वेदी, साइबर एक्पर्ट का कहना है कि इस तरह के कुछ मामलों की शिकायत मिली। लोग ऑनलाइन बैकिंग या सोशल मीडिया पर इस तरह के मामलों में न फंसे इसके लिए लगातार जागरुकता फैलाई जा रही है।
केस-1
अरेरा कॉलोनी के अमित वर्मा ने वेबसाइट पर क्रिप्टोकरंसी में ट्रेडिंग की शुरुआत की थी। एनाइसिस के सोशल मीडिया पर बने कुछ ग्रुप का सहारा लिया। यहां एक लिंक देकर ज्यादा मुनाफे की बात कही गई। यहां कई विदेशी भी शामिल थे। डिजीटल सिग्नेचर, सहित ऑनलाइन चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां से राशि बाहर भेजी जाती थी। यह एक रैकेट के रूप में लंबे समय से काम कर रहा था। ऐसे कई और मामलों की जांच की जा रही है।
केस-2
पुलिस में तैनात एक कर्मचारी को एक बड़ी कंपनी के नाम से मेल आया जिसमें 70 लाख की लॉटरी लगने की बात कही गई। इसमें कुछ जानकारी मांगी थी। ये जानकारी भेजने के बाद संबंधित व्यक्ति से बैंक एकाउंट नंबर मांगे गए। पूरी जानकारी लेने के बाद संबंधित व्यक्ति ने लॉटरी की राशि संबंधित व्यक्ति के बैंक में ट्रांसफर करने से पहले टैक्स की रकम की डिमांड की। इस नाम से कर्मचारी ने करीब दो लाख रुपए दिए गए एक अकाउंट में ट्रांसफर भी कर दिए। बाद में मोबाइल नंबर बंद हो गया। धोखाधड़ी के मामले की शिकायत हुई।