इस बारे में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने भी कहा है कि धार्मिक आयोजनों और गरबा महोत्सव पर कोई मनाही नहीं है। बशर्ते इनका राजनीतिक उपयोग न हो। परंतु लोगों का कहना है कि गरबा महोत्सव रात में ही होते रहे हैं और रात 10 बजे के बाद प्रशासनिक अमला और पुलिस आयोजन स्थलों पर पहुंचकर लाउडस्पीकर, डीजे बंद करवाने पहुंच जाती है। बहरहाल, गरबा करने वाले लोगों का उत्साह ठंडा है और प्रशासन के पास इसका कोई हल भी नहीं है।
मंदसौर : पांडाल में ब्लैक आउट रात दस बजे के बाद गरबा महोत्सव पर पाबंदी के विरोध में मंदसौर के गरोठ में चार गरबा आयोजक आगे आए। इन आयोजकों ने सोमवार को स्थानीय प्रशासन के निर्णय को अनुचित बताते हुए ब्लैक आउट कर दिया। उन्होंने कहा है कि अब अनुमति मिलने के बाद ही गरबा खेला जाएगा।
भोपाल: रात 8 से 10 बजे तक ही गरबा इस समस्या का एक हल निकाला है गुजराती समाज ने। इनके आयोजन स्थल पर धार्मिक भजनों पर ही गरबा किया जा रहा है और इसमें बड़ी संख्या में लोग भी शामिल हो रहे हैं। आचार संहिता की वजह से यह आयोजन रात 8 बजे से 10 बजे तक ही किया जा रहा है।