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पूर्व डाकू ने समझा सिंधिया का ‘दर्द’, झाबुआ से दूर ‘महाराज’ पर बोले मलखान- उन्हें पहुंचा है बहुत बड़ा घात

झाबुआ उपचुनाव के स्टार प्रचारकों की सूची में सातवेें नंबर पर है सिंधिया का नाम

भोपालOct 18, 2019 / 05:55 pm

Muneshwar Kumar

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भोपाल/ मध्यप्रदेश कांग्रेस में ऑल इज नॉट वेल है। झाबुआ उपचुनाव के दौरान भी गुटबाजी खुलकर दिख रही है। पार्टी में मुखर अभी ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। खुलकर सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों के बीच पहुंच रहे हैं हार का दर्द छलक कर सामने आ जा रहा है। लेकिन उनके दर्द को उनकी पार्टी के लोग ही नहीं समझ पा रहे हैं। महाराज लोकसभा चुनाव की तरह ही झाबुआ उपचुनाव से भी दूर हैं। पार्टी भले ही महाराज की पीड़ा को नहीं समझ पा रही है लेकिन पूर्व डाकू मलखान सिंह उनकी पीड़ा को समझ रहे हैं।
झाबुआ उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। सीएम कमलानाथ खुद ही प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। स्टार प्रचारकों की सूची में सातवें स्थान पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नाम है। उनसे ऊपर दिग्विजय सिंह का नाम है। दिग्विजय झाबुआ में चुनाव प्रचार के लिए जा रहे हैं लेकिन सिंधिया के कदम अभी तक झाबुआ में नहीं पड़े हैं।
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झाबुआ से क्यों दूर हैं महाराज
21 अक्टूबर को झाबुआ में वोटिंग होनी है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता प्रचार के लिए वहां जा रहे हैं। लेकिन मध्यप्रदेश में रहते हुए सिंधिया वहां नहीं जा रहे। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सिंधिया को कमलनाथ और दिग्विजय सिंह हाशिए पर धकलने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि सिंधिया झाबुआ से दूरी क्यों बनाए हुए हैं, इस पर मध्यप्रदेश कांग्रेस चुप्पी साधे हुए है। पिछले दिनों चुनावी सभा के लिए गए दिग्विजय सिंह ने कहा कि जरूरत पड़ी तो उन्हें आमंत्रण भेजा जाएगा।
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क्या ये सिंधिया की अनदेखी है?
ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या पार्टी में सिंधिया की अनदेखी हो रही है। ये सवाल इसलिए हैं कि विधानसभा चुनावों के दौरान वह मध्यप्रदेश में चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष थे। विधानसभा चुनाव में उन्होंने कुल 158 चुनावी सभाएं की थी। इस दौरान उनका काफी क्रेज दिखा था। युवाओं की भीड़ भी उनकी सभाओं में खूब होती थी। ऐसे में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
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पूर्व डाकू ने समझा सिंधिया का दर्द
ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार पार्टी के खिलाफ बोल रहे हैं। पार्टी की तरफ से तो कोई उनकी तरफदारी में अभी तक सामने नहीं आया है लेकिन पूर्व डाकू मलखान सिंह ने उनकी पीड़ा को समझा है। मलखान सिंह ने कहा है कि सिंधिया जी को मतलब कोई पीड़ा तो होगी। अगर वो अपनी ही सरकार में पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं तो कुछ तो पीड़ा होगी। उनकी पीड़ा को दिग्विजय सिंह और कमलनाथ जी समझें। उन्हें क्या परेशानी है।
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पहले तो नहीं कहा था ऐसा
मलखान सिंह का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहले तो ऐसा कभी नहीं कहा था। वो पार्टी में कई जिम्मेदारियों को संभाला है लेकिन तब तो उन्होंने कुछ नहीं कहा। अब उनको कुछ लग रहा होगा, इसलिए वो बोल रहे हैं। उनको या तो कोई पीड़ा होगी या फिर जो वो चाहते हैं, उन्हें नहीं मिल रहा होगा। वो बयान क्यों दे रहे हैं ये तो कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जानें। सिंधिया जी खुद ही अपना निर्णय ले सकते हैं। हालांकि मुझे इन चीजों से कोई लेना देना नहीं है।
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पीड़ा होती है तभी बोलता है कोई
पूर्व डाकू मलखान सिंह ने कहा कि जिन्हें पीड़ा होती है, वहीं इस तरह की बातें करते हैं। हमें लग रहा है कि सिंधिया जी को बहुत बड़ी पीड़ा है। उन्हें बहुत बड़ा घात पहुंचा होगा। इसीलिए वो अपनी पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। किसान कर्जमाफी को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया जो मुद्दा उठा रहे हैं वो गलत नहीं है। सरकार बनाने में सिंधिया जी का योगदान बड़ा रहा है।

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