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नाइट ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर विभा जैन भी जाने की तैयारी में थीं। एक घंटे बाद जब डॉक्टर आए तो उप संचालक ने नाराजगी जाहिर कर व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए। भोपाल के कमला नगर डिस्पेंसरी में भी मरीजों की लाइन थी। जब मत्स्य विभाग के अधिकारी यहां पहुंचे। यहां पीने के पानी की व्यवस्था नहीं थी। यह पूरी कवायद कलेक्टर तरुण पिथोड़े के निर्देश पर की गई थी।
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इन बिंदुओं पर होगी जांच
चिकित्सक निर्धारित समय पर अस्पताल में आते हैं कि नहीं
अस्पताल में मरीजों की जांच सही तरीके से हो रही हैं या नहीं
क्या मरीजों को चिकित्सालय में नि:शुल्क दवाइयां दी जा रही हैं
क्या अस्पताल द्वारा जननी सुरक्षा का लाभ दिया जा रहा है
क्या चिकित्सालय में साफ -सफ ाई, पीने के पानी की उचित व्यवस्था है
तहसीलदार करेंगे जेपी अस्पताल की जांच
इधर, जेपी अस्पताल में सुविधाएं, डाक्टर व अन्य स्टाफ क ा व्यवहार, दवाओं की उपलब्धता की जांच तहसीलदार करेंगे। इसके लिए कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने 11 तहसीलदारों की ड्यूटी लगाई है। अस्पताल की जांच दोनों शिफ्टों में होगी। जांच पूरी करने के बाद सभी तहसीलदार अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौपेंगे।
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बीएमओ ऑफिस में ताला, परिसर में ही आवारा पशुओं का डेरा
सबसे ज्यादा दिक्कत बैरसिया में ही मिली। यहां बीएमओ के कार्यालय में ताला डला था। कार्यालय परिसर में ही आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा था। बैरसिया में डाक्टरों के 16 पद हैं और वर्तमान में चार डाक्टर तैनात हैं। इसमें एक डॉक्टर नाइट ड्यूटी पर था। ऐसे में सुबह तीन डाक्टर मौके पर होने चाहिए थे। सुबह 9 बजे तीनों ही नदारद मिले। यहां रोजाना 700 से अधिक मरीज आते हैं। टीम ने बैरागढ़ कलां व कोलार सीएससी में भी जांच की, लेकिन यहां व्यवस्थाएं दुरुस्त मिलीं।