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GST के दायरे में आएगा पेट्रोल-डीजल,केंद्र स्तर पर उठाए जाएंगे कदम!

देश में सबसे ज्यादा टैक्स मध्यप्रदेश लिया जाता है…

भोपालJun 04, 2018 / 01:09 pm

anil chaudhary

petrol diesel

petrol diesel

भोपाल. प्रदेश को पेट्रोल 41 रुपए लीटर मिलता है। इस पर करीब 42.83रुपए टैक्स लिया जा रहा है। इसमें से प्रदेश सरकार के खजाने में 23.15 रुपए और केंद्र सरकार के पास 19.48 रुपए एक्साइज ड्यूटी के रूप में जाते हैं। प्रदेश सरकार चाहे तो अपने स्तर पर टैक्स में कमी कर सकती है, लेकिन स्थिति इससे उलट है।
देश में सबसे ज्यादा 28 फीसदी वैट मध्यप्रदेश में लगता है। अब सारी उम्मीदें जीएसटी पर टिकी हैं। जीएसटी आता है और कोई दांव-पेंच नहीं लगाए गए तो मौजूदा कीमतों के हिसाब से प्रदेश में 83.92 रुपए के पेट्रोल में 24.48 रुपए की सीधी कमी आ सकती है। अभी प्रदेश सरकार एक प्रतिशत सेस और चार रुपए अतिरिक्त कर भी लगाती है। प्रदेश को इन सभी से करीब 9350 करोड़ रुपए सालाना की कमाई करती है।

55 रुपए लीटर हो सकता था पेट्रोल
केंद्र व पेट्रोलियम कंपनियां पेट्रोल की कीमतों में घट-बढ़ के लिए क्रूड ऑयल के अंतरराष्ट्रीय दामों को जिम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन क्रूड ऑयल की कीमतों को देखें तो केंद्र से मिलने वाला पेट्रोल ४१ रुपए की बजाए 35 रुपए प्रति लीटर से नीचे होना चाहिए। मध्यप्रदेश खुद 20 रुपए तक कमी कर सकता था।
इससे पेट्रोल के दाम 55 रुपए प्रति लीटर तक लाए जा सकते थे। मई 2014 में क्रूड ऑयल 111 डॉलर प्रति बैरल था, तब पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.2 रुपए व डीजल पर 3.46 रुपए प्रति लीटर थी। मई 2018 में जब क्रूड ऑयल 77 डॉलर बैरल हो गया तो इसमें कमी लाई जा सकती थी।
ड्यूटी बढ़कर पेट्रोल पर 19.48 रुपए व डीजल पर 15.33 रुपए प्रति लीटर कर दी गई। इसी तरह प्रदेश सरकार ने 2014 की तुलना में 2018 तक प्रदेश ने चार रुपए अतिरिक्त कर व एक प्रतिशत सेस लगा दिया। साथ ही 27 फीसदी वैट को बढ़ाकर २८ फीसदी कर दिया।
– जीएसटी आया तो 59.44 रुपए में पेट्रोल
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो कीमतों में कमी की उम्मीद है। हालांकि, केंद्र और प्रदेश सरकारों को इससे नुकसान हो सकता है। अभी पेट्रोल पर 50 प्रतिशत से ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा है। जीएसटी में सबसे हायर स्लैब 28 फीसदी टैक्स लगाया जाए तब भी टैक्स में २२ प्रतिशत से ज्यादा की कमी आएगी। एेसे कीमत 24.48 रुपए कम होकर 59.44 रुपए प्रतिलीटर रह जाएगी।

– प्रदेश की अपनी तैयारी
केंद्र के स्तर पर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी के बीच मध्यप्रदेश ने अपने स्तर पर कीमत कम करने की रणनीति बना ली है। चुनावी साल में फायदा लेने के लिए सरकार इनके जीएसटी में आने के एेन पहले दाम घटा सकती है।
यूं समझें गणित
पेट्रोल पर टैक्स – (प्रति लीटर में)
– एक प्रतिशत सेस। यह करीब ८४ पैसे होता है।
– २८ प्रतिशत वैट। करीब १८.३५ रुपए तक।
– चार रुपए अतिरिक्त कर।
– १९.४८ रुपए की सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी।
** डीजल पर टैक्स- (प्रति लीटर में)
– एक प्रतिशत सेस। यह ७२ पैसे औसत लगता।
– २२ प्रतिशत वैट। यह १२ से १३ रुपए औसत।
– ७५ पैसे अतिरिक्त कर औसतन।
– १३.३३ रुपए सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी लगती।

जीएसटी के दायरे में पेट्रोल-डीजल आएगा, लेकिन इसके कदम केंद्र स्तर पर उठना है। इसके बाद मध्यप्रदेश में उसके हिसाब से कदम उठाए जाएंगे।
– जयंत मलैया, मंत्री, वित्त एवं वाणिज्य कर विभाग

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