दोस्त को तो लैपटॉप मिलेगा, लेकिन अंक अधिक होने के बावजूद मैं लैपटॉप का पात्र नहीं हूं। मैं ओबीसी वर्ग का हूं और दोस्त एससी वर्ग है, इसलिए उसे लैपटॉप मिल रहा है। इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने यह कह कर समझाया कि जो अभी तक पिछड़े थे, उनकी मदद करना हमारा फर्ज है। बात यहीं खत्म नहीं हुई। सीएम के जवाब के बाद छात्र विक्की फिर बोला, मामा जी, प्लीज…भेदभाव को समाप्त कर दीजिए। छात्र के सवाल का यहां मॉडल स्कूल के सभागार में उपस्थित ज्यादातर विद्यार्थियों ने तालियां बजा कर समर्थन किया।
छात्र ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, मामा जी, हमने तो दिन-रात पढ़ाई की है, फिर भी कम अंक वाले को लाभ मिल रहा है और मुझे नहीं। पढ़ाई में तो कम से कम जाति को नहीं लाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, हम सभी के बारे में सोचते हैं। मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना में कोई जाति बंधन नहीं है।
हमारा देश ऐसा है, जहां अलग-अलग रंग के फूल खिलते हैं। गरीब हैं और अमीर भी हैं, इसलिए गरीबों का
ध्यान भी रखा जाना चाहिए। सरकारी योजना में एससी-एसटी वर्ग में 75 प्रतिशत और सामान्य-ओबीसी वर्ग में 85 फीसदी अंक आने पर विद्यार्थियों को लैपटॉप दिया जाता है।
सीएम बोले-यहां सिर्फ बच्चों की बातमीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री से जब
पेट्रोल-डीजल दाम बढऩे पर सवाल किया गया तो उन्होंने यह कह कर टाल दिया कि यहां सिर्फ बच्चों की बात होगी।