भोपाल। इस साल मानसून कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो गया है। तेज गर्मी और उमस से परेशान लोग मानसून के जल्दी आने के लिए दुआएं मांग रहे थे। भले ही मानसून देर से आया लेकिन दुरुस्त आता तो बेहतर होता। स्थिति यह है कि प्रदेशभर में बाढ़ के हालात हैं। कई गांवों में नदियां उफान पर हैं। लोग बाढ़ में फंसे हैं। कुल मिलाकर स्थिति अब काबू से बाहर होती जा रही है। मानसून की पहली ही बारिश ने प्रदेशभर के कई जिलों और गांवों की स्थिति बदतर कर दी है।
इधर यही हाल प्रदेश की राजधानी भोपाल का भी नजर आ रहा है। नए शहर में बसीं नई कॉलोनियां बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रही हैं। पिछले कुछ दिनों से लोग सूरज के दर्शन नहीं कर सके। घने काले बादलों की ओट में छिपा सूरज निकलने का नाम ही नहीं ले रहा। पिछले दिनों भले ही रुक रुककर बारिश हुई। लेकिन शुक्रवार रात 9 बजे शुरू हुई सुबह 9 बजे ही कुछ थमी। लेकिन इस बारिश ने शहर के कई इलाकों को जलमग्र कर दिया। आप भी देखें शहर की सूरत सुबह 8 बजे कैसी थी…अगर आज भी लगातार बारिश हुई तो स्थिति क्या होगी! शहर के पुराने तो एक तरफ नए इलाकों के हालात बेहद बदतर हैं। जाटखेड़ी, हनुमान नगर, बागमुगलिया क्षेत्र के कई मार्ग डूब गए। यातायात बाधित हुआ। सुबह सुबह अपने रूटीन कार्यों पर जाने वाले लोगों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ा। मानसून की पहली बारिश में ही नगर निगम की तैयारियों और प्रशासन की मुस्तैदी की पोल खुल गई। ये तस्वीरें आपको बता रही हैं शहर का हाल…
कई क्षेत्रों मे कमर तक पानी भरा था। जिससे कई कार चालक पानी के बीच ही फंस गए, पानी के बीच से गुजरने वाली बाइक्स बंद हो गईं, तो फिर स्टार्ट होने का नाम ही नहीं ले रही थीं।
कुछ इलाकों में घरों में अंदर तक पानी चला गया। जिससे घर में रखा जरूरी और दैनिक काम आने वाला सामान तक खराब हो गया।
अवधपुरी क्षेत्र में भी आधारशिला क्षेत्र में सड़क से बहता पानी डिवाइडर से भी बहुत ऊपर बह रहा था, जिससे वह मार्ग पूरी तरह बंद रहा। अवधपुरी से होशंगाबाद रोड आने के लिए लोगों को अन्ना नगर से होते हुए लंबा चक्कर लगाकर गंतव्य स्थल पहुंचना पड़ रहा था। इस बीच महात्मा गांधी सर्किल वाले मार्ग, बरखेड़ा मार्ग पर पानी ही पानी नहर आ रहा था। वहीं अन्ना नगर के पास बहते नाले में समुद्र सी लहरें नजर आ रही थीं। इस तरह बहते पानी को देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ जुटी थी। यही हाल सत्यसांई कॉलेज के सामने बह रहे नाले का था।